नई दिल्ली। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के रुप में मनाया जाता है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।
कहा जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन अगर कोई उपवास रखता है तो उसके सारें कष्ट दूर हो जाते हैं। इस उपवास को करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति भी होती है। इस दिन उपवास रखने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस बार निर्जला एकादशी (23 जून) को पड़ रही है।
इस दिन क्या करें
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अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक समस्याओं की मु्क्ति के लिए करें
- निर्जला एकादशी के दिन उपवास रखें। इस उपवास को बिना जल के रखा जाता है।
- निर्जला एकादशी के दिन ईष्ट देव या श्री हरि की उपासना करें।
- निर्जला एकादशी के दिन आपको गुस्सा नहीं करना है।
धन की प्राप्ति के लिए करें
- निर्जला एकादशी के दिन उपवास रखें।
- धन प्राप्ति के लिए श्रीहरि विष्णु की माँ लक्ष्मी के साथ उपासना करें।
- इस दिन गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करें।
आधी रात के समय धन प्राप्ति की प्रार्थना करें
- मन की शांति के लिए करें
- उपवास पर जल ग्रहण करें।
- मंत्रों का जाप करें।
- एकांत में रहे और प्रार्थना करें।