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जानिए जया एकादशी का महत्व, ये है पूजा का शुभ महुर्त

vishnu 671 1516957583 जानिए जया एकादशी का महत्व, ये है पूजा का शुभ महुर्त

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हर साल 24 बार  एकादशि का व्रत आता हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। बता दें कि एकबार धर्मराज युधिष्ठिरने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि माघ शुक्ल एकादशी पर किसकी पूजा करनी चाहिएऔर इस एकादशी का क्या महात्व है। तब वासुदेव ने बताया कि माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को “जया एकादशी” कहते हैं। ये एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है।vishnu 671 1516957583 जानिए जया एकादशी का महत्व, ये है पूजा का शुभ महुर्त

वैसे तो जया एकादशी एकदशी 27 जनवरी 2018, शनिवार को 11:14 बजे से शुरू हो जायेगी और 28 जनवरी 2018, रविवार को 08:27 बजे तक रहेगी, लेकिन हिंदू पूजा संस्‍कार में सबसे ज्‍यादा महत्‍व उदिया तिथि, यानि सूर्योदय के समय जो तिथि हो उसका होता है, इसलिए एकादशी के व्रत पूजन का सर्वोत्‍म दिन रविवार ही माना जायेगा। जया एकादशी के व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त रविवार को 3 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

जया एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान कर विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु की पूजा धूप, दीप, चंदन, फल, तिल, एवं पंचामृत आदि से करनी चाहिए। इस दिन विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना अच्छा माना गया है। जया एकादशी पर पूरे दिन व्रत रखें संभव हो तो रात्रि में भी व्रत रखकर जागरण करें। अगर रात्रि में व्रत संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्हें जनेऊ सुपारी देकर विदा करें फिर भोजन करें। इस प्रकार नियम निष्ठा से व्रत रखने से व्यक्ति पिशाच योनि से मुक्त हो जाता है।

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