नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हर साल 24 बार एकादशि का व्रत आता हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। बता दें कि एकबार धर्मराज युधिष्ठिरने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि माघ शुक्ल एकादशी पर किसकी पूजा करनी चाहिएऔर इस एकादशी का क्या महात्व है। तब वासुदेव ने बताया कि माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को “जया एकादशी” कहते हैं। ये एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है।
वैसे तो जया एकादशी एकदशी 27 जनवरी 2018, शनिवार को 11:14 बजे से शुरू हो जायेगी और 28 जनवरी 2018, रविवार को 08:27 बजे तक रहेगी, लेकिन हिंदू पूजा संस्कार में सबसे ज्यादा महत्व उदिया तिथि, यानि सूर्योदय के समय जो तिथि हो उसका होता है, इसलिए एकादशी के व्रत पूजन का सर्वोत्म दिन रविवार ही माना जायेगा। जया एकादशी के व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त रविवार को 3 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।