सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (डीओटी) ने लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया है। जिसके तहत अब सेल्यूलर मोबाइल सर्विस और इंटरनेट टेलीफोन सर्विस दोनों के लिए ही एक नंबर अलॉट किया जाएगा। सेल्यूलर नेटवर्क के वाई-फाई सर्विस द्वारा वॉयस कॉल करने को अनुमति दी जाएगी।आपको बता दें कि वीडियो कॉलिंग की अनुमति केवल टेलिकॉम कंपनियों को मिलेगी। टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वीडियो कॉलिंग एप लॉन्च करने की अनुमति होगी।
दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट टेलिफोन के नियमों में बदलाव किया है
गौरतलब है कि व्हाट्सएप, स्काइप, गूगल डुओ और इमो जैसे वीडियो कॉलिंग एप्स का प्रयोग पर सरकार रोक लगाने वाली है। दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट टेलिफोन के नियमों में बदलाव किया है। केवल लाइसेंस धारक कंपनियों को ही वीडियो कॉलिंग की सुविधा दी जाएगी।
आने वाले समय में वीडियो कॉलिंग एप के बजाय वाई-फाई से की जा सकेगी
नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार एप से एप वीडियो कॉल की सर्विस देने वाली कंपनियों जैसे व्हाट्सएप, स्काइप, गूगल डुओ और इमो को कॉलिंग की अनुमति नहीं होगी।आने वाले समय में वीडियो कॉलिंग एप के बजाय वाई-फाई से की जा सकेगी। अगर यह सर्विस शुरू होती है तो जैसे यूजर्स वॉयस कॉलिंग के लिए शुल्क अदा करते हैं वैसे ही उन्हें वीडियो कॉलिंग के लिए टर्मिनशन चार्ज अदा करना पड़ेगा।
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डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (डीओटी) ने लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया है
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (डीओटी) ने लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया है।सर्विस मोबाइल यूजर को नजदीकी पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क के जरिए कॉल कनेक्ट करने में मदद करेगी। DoT ने टेलिकॉम कंपनियों से कहा है कि सब्सक्राइबर्स को इस सर्विस से संबंधित विस्तृतित में जानकारी देनी आवश्यक है जिससे वो ठीक से फैसला कर सकें। इसके साथ ही DoT से सभी टेलिकॉम कंपनियों को वॉयस कॉल वाई-फाई से कनेक्ट करते समय एक दूसरे के डाटा नेटवर्क इस्तेमाल करने की अनुमति होगी।