विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कतर और कुवैत की चार दिन की यात्रा पर रविवार को रवाना हो रही हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य पश्चिम एशिया के इन दोनों देशों के साथ संबंध मजबूत करना है। विदेशमंत्री का कतर में उपप्रधानमंत्री और विदेशमंत्री मोहम्मद बिन-अब्दुल रहमान बिन जासिम अल-थानी से मिलने का कार्यक्रम है। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ भी स्वराज के मुलाकात का कार्यक्रम है।
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गौरतलब है कि भारत और कतर के पुराने ऐतिहासिक बहुआयामी संबंध हैं।आपको बता दें कि आज रविवार को 4 दिन के दौरे पर सुषमा स्वराज कुवैत के लिए रवाना हो रहीं हैं। जहां कुवैत के अमीर शेख सबाह अल अहमद अल जबार अल सबाह से मिलने के अलावा भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगी। भारत पश्चिम एशियाई देशों के साथ अपने सम्बन्धों को मजबूत करना चाहता है। गौरतलब है कि इस कड़ी में विदेश मंत्री के इस दौरे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।कुवैत के साथ भी निवेश और आर्थिक रिश्तों पर स्वराज बात करेंगी। कतर की तरह कुवैत भी भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए बेहद अहम है क्योंकि भारत उससे काफी ज्यादा तेल खरीदता है।
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आपको बता दें कि सुषमा स्वराज की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण होगी।क्योंकि अभी कच्चे तेल और गैस की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ये दोनों देश भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। कतर भारत को सबसे ज्यादा गैस देने वाला देश है।जबकि कुवैत भारत को क्रूड आपूर्ति करने वाला एक बड़ा देश है।उक्त देश ना सिर्फ भारत को तेल और गैस देते हैं बल्कि वहां रहने वाले भारतीय हर वर्ष अरबों डॉलर वापस भेजते हैं। जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद उपयोगी होती है।