नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यूरोपीयन देशों की सात दिवसीय दौरे पर गई हैं। जहां वो यूरोप के लग्ज़म्बर्ग शहर गई और भारतवंशीयों को संबोधित किया। जनता को संबोधित करते हुए उन्होने बताया कि भारत और यूरोप के काफी अच्छे संबंध हो गए है। उन्होने यह भी कहा कि “हमारा एक विश्वास आधारित रिश्ता है जो स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन के प्रति हमारे सम्मान से उत्पन्न होता है।” भारत में, लक्समबर्ग इस्पात क्षेत्र की सबसे बहुमुखी प्रतिभा है।
यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने वाली पहली विदेश मंत्री
इसके साथ, वह यूरोपीय देश की यात्रा के लिए भारत के पहले विदेश मामलों की मंत्री बनी है।उन्होंने वहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “1998 के हमारे शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण के बाद भारत के खिलाफ प्रतिबंध के विरोध में, लक्समबर्ग ने भारत में एक भरोसेमंद परमाणु ऊर्जा के रूप में विश्वास किया।”लक्समबर्ग ने 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत के खिलाफ प्रतिबंधों का विरोध किया था। इस साल, भारत और लक्समबर्ग अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल मना रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं सरकार और भारत के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।”