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18वें एशियाई गेम्स में देश कर सकता है इन धुनंघरो से मेडल की  उम्मीद..

एसियन गेम्स 3 18वें एशियाई गेम्स में देश कर सकता है इन धुनंघरो से मेडल की  उम्मीद..

जकार्ता में आज यानी कि 18 अगस्त से  शुरू 18वें एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती है। आपको बता दें कि अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया था ।कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार सफलता सफलता अर्जित की थी।और कई ऐतिहासिक उपलब्धियां अपने नाम की थीं। आपको बता दें कि शनिवार को जकार्ता के जीबीके स्टेडियम में होने वाले उद्घाटन समारोह से खेलों का औपचारिक तौर पर आगाज होना है।

 

एसियन गेम्स 3 18वें एशियाई गेम्स में देश कर सकता है इन धुनंघरो से मेडल की  उम्मीद..
18वें एशियाई गेम्स में देश कर सकता है इन धुनंघरो से मेडल की  उम्मीद..

 

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सेमीफाइनल में हारी भारतीय महिला हॉकी टीम, ऑस्ट्रेलिया से मिली मात

चार साल में एक बार होता है एशियन गेम्स का आयोजन

रविवार यानी कि कल से इन खेलों से जुड़े इवेंट्स होंगे। ऐसे में जाहिर है कि देश मेडल की उम्मीद तो करेगा ही।मालूम हो कि चार साल में एक बार होता है एशियन गेम्स का आयोजन।गौरतलब है कि एशियाई खेलों में उतरने वाले भारत के 572 खिलाड़ी उस सफलता को दोहराने की कोशिश करेंगे और इन खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे।

जकार्ता इससे पहले 1962 में एशियाई खेलों के चौथे संस्करण की मेजबानी कर चुका है

एशियन खेलों की शुरुआत 1951 में नई दिल्ली से हुई थी। जकार्ता इससे पहले 1962 में एशियाई खेलों के चौथे संस्करण की मेजबानी कर चुका है।मालूम हो कि 1962 में भारत ने जकार्ता में 52 पदक जीते थे। जिसमें से 12 स्वर्ण, 13 रजत और 27 कांस्य पदक थे। उस संस्करण में भारत तीसरे नंबर पर रहा था।अगर  पिछले 3 संस्करणों में गौर करें तो भारत तीनों बार 50 से अधिक प्राप्त कर चुका है।

एशियन खेल में भारत को मेडल दिलाने की उम्मीद जिनसे की जा सकती है, उनके नाम पर गौर करते है-

बजरंग पूनिया- हरियाणा के इस 24 साल के पहलवान ने इंचियोन में रजत पदक जीता था। शानदार फॉर्म में चल रहा यह पहलवान 65 किलो फ्रीस्टाइल में पदक का दावेदार है। और इस साल तीन टूर्नामेंट जीत चुका है। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण के अलावा उन्होंने जॉर्जिया और इस्तांबुल में दो टूर्नामेंट जीते हैं।साइना नेहवाल- भारत में बैडमिंटन की लोकप्रियता का ग्राफ उठाने वाली साइना लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं। के श्रीकांत- राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता श्रीकांत पुरुष एकल में भारत की अकेली उम्मीद हैं।

ओलंपियन में से एक सुशील पर अतिरिक्त दबाव होगा जो जॉर्जिया में फ्लाप रहे थे

सुशील कुमार-भारत के सबसे सफल ओलंपियन में से एक सुशील पर अतिरिक्त दबाव होगा जो जॉर्जिया में फ्लाप रहे थे।जॉर्जिया में नाकामी के बाद लोग सवाल उठाने लगे कि एशियाड ट्रायल से उन्हें छूट क्यों दी गई। आपको बता दें कि दो बार के ओलंपिक पदक विजेता अपना प्रदर्शन दिखान को बेताब हैं।विनेश फोगाट-रियो ओलंपिक में पैर की चोट की शिकार हुई विनेश वापसी कर रही है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और मैड्रिड में स्पेन ग्रां प्री जीती है।50 किलो में पदक की प्रबल दावेदार होंगी।

ओलंपियन में से एक सुशील पर अतिरिक्त दबाव होगा जो जॉर्जिया में फ्लाप रहे थे

पीवी सिंधु-ओलंपियन में से एक सुशील पर अतिरिक्त दबाव होगा जो जॉर्जिया में फ्लाप रहे थे। उन्हें नांजिंग में कैरोलिना मारिन से मिली हार को भुलाकर खेलना होगा।चार बड़े फाइनल हार चुकी सिंधु पर इस कलंक को धोने का भी दबाव है।निशानेबाजी मेंं मनु भाकेर ,एथलेटिक्स हिमा दास से उम्मीद की जा सकती है।नीरज चोपड़ा,इस युवा भालाफेंक खिलाड़ी के कद का अहसास इसी से हो जाता है कि यह भारतीय दल के ध्वजवाहक हैं।अंडर 20 विश्व चैंपियनशिप 2016 में स्वर्ण जीतने वाले नीरज ने राष्ट्रमंडल खेलों में इस कामयाबी को दोहराया।उन्होंने दोहा में आईएएएफ डायमंड लीग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किय। पिछले चार टूर्नामेंटों में से तीन में वह स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।

बोपन्ना अगर अपनी क्षमता के अनुरूप खेल सके, तो दिविज शरण के साथ युगल में पदक के दावेदार होंगे

टेनिस में रोहन बोपन्ना अगर अपनी क्षमता के अनुरूप खेल सके, तो दिविज शरण के साथ युगल में पदक के दावेदार होंगे। भारत की उम्मीदों का दारोमदार रामनाथन पर भी होगा।मुक्केबाजी में शिवा थापा पुरुषों के 60 किलो वर्ग में थापा एशियाई खेलों में पहला पदक जीतने की कोशिश में होंगे।एशियाई चैंपियनशिप में लगातार तीन पदक जीतकर उनका आत्मविश्वास बढा है। वहीं सोनिया लाठेर एमसी मेरी कॉम की गैर मौजूदगी में विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर भारतीय महिला टीम की अगुवाई करेंगी।वह 57 किलो वर्ग में प्रबल दावेदार हैं।

पीवी सिंधु ने इंडोनेशिया ओपन के दूसरे दौर में अपनी जगह पक्की की

जिम्नास्टिक दीपा करमाकर घुटने की चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर रहीं ,दीपा ने तुर्की में विश्व चैलेंज कप में स्वर्ण जीतकर वापसी कर रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं, दीपा पदक की प्रबल दावेदार है।टेबल टेनिस  में मनिका बत्रा ने गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीतने वाली मनिका राष्ट्रमंडल खेलों की स्टार रही। जकार्ता में प्रतिस्पर्धा अधिक कठिन होगी। वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

maheshkumar 2 1 18वें एशियाई गेम्स में देश कर सकता है इन धुनंघरो से मेडल की  उम्मीद..

महेश कुमार यदुवंशी 

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