नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में शनिवार को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका के मामले में प्रतिवादी पक्षों ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया। जवाब में उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी की गवाहों को बुलाने की मांग का विरोध किया गया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की गवाहों की सूची और अन्य साक्ष्यों को मंजूर कर लिया था। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
पहले की सुनवाई में कोर्ट ने स्वामी की इस दलील को खारिज कर दिया था कि कांग्रेस पार्टी और एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के खाते और दस्तावेज मांगे जाएं। आपको बता दें कि एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है।
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।