नई दिल्ली। दिल्ली के करोलबाग में 108 फुट ऊंची हनुमान मूर्ति के आसपास अवैध निर्माण के मुद्दे पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है। कोर्ट ने पूछा है कि पटरी पर अवैध रुप से बने मंदिरों में यदि आप प्रार्थना करें तो क्या वो भगवान तक पहुंचेगी?
कोर्ट ने कहा कि पटरियों पर अवैध रुप से बने मंदिरों में प्रार्थना करें तो क्या वह भगवान तक पहुंचेगी, उनकी शुद्धता क्या रह जाएगी? बेंच ने कहा कि अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार सभी लोगों से निपटा जाएगा और जरुरत पड़ी तो मंदिर से भी। कोर्ट ने संबंधित सड़क और पटरी की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
अदालत ने अथॉरिटीज से सवाल करते हुए कहा कि उस इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों और गाड़ियों को खड़ी करने की इजाजत क्यों दी गई। वह निगम और डीडीए के उन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिनके कार्यकाल में यह मूर्ति बनी और अन्य अतिक्रमण शुरू हुए।