विश्व के पांच प्रदूषित शहरों में शामिल औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की वायु को शुद्ध करने के लिए ऑक्सी पार्क विकसित किए जाएंगे। बड़खल झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसलिए नगर निगम ने प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण से निजात पाने के लिए ऑक्सी पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। ऑक्सी पार्क के जरिए पर्यावरण को शुद्ध किया जाएगा। नगर निगम प्रशासन ने ऑक्सी पार्क को बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट में फरीदाबाद प्रदूषण में दूसरे स्थान पर था। देश के एयर क्वालिटी इंडेक्स में फरीदाबाद के प्रदूषण की स्थति पूरे साल बेहद खराब दर्ज की गई है। नगर निगम प्रशासन द्वारा प्रदूषण की स्थिति सुधारने के प्लान के तहत पर्यटन स्थल बड़खल झील के पास स्थित जमीन पर बांस के पौधे लगाकर ऑक्सी पार्क बनाए जाएंगे।
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बांस के पौधे प्रदूषण कम करने में कारगर हैं।
चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर के अनुसार बांस सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन पौधा है। इसलिए बड़खल झील में बांस के जंगल विकसित किए जाएंगे। जहां एक तरफ यह पिकनिक स्पॉट की तरह काम करेगा वहीं अधिक ऑक्सीजन उत्पादन के कारण पर्यावरण भी शुद्ध होगा। इसके लिए एक निजी कंपनी से बात चीत की गई है। अगर ऑक्सी पार्क कामयाब हुआ तो शहर के अलग अलग हिस्सों में और ऑक्सी पार्क विकसित कर प्रदूषण को खत्म किया जाएगा। इंजीनियर ने कहा जल्द ही ऑक्सी पार्क प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।
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बांस पर्यावरण का साथी
बता दें कि बांस के पौधे एक हेक्टयर में लगाए गए हैं तो प्रतिदिन 17 टन कार्बन डाई ऑक्साइड सोखते है। और आक्सीजन छोड़ते हैं।सबसे ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ने वाला पौधा होने के कारण इसे पर्यावरण मित्र भी कहा जाता है। बांस की एक खूबी ये भी है कि यह एक पेड़ की तुलना में 18 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ने के लिए डेढ़ से दो माह का समय लगता है जबकि दूसरे पेड़ को इतनी ऊंचाई पाने में 30 से 60 साल तक लग जाते हैं, हालांकि बांस की पहले पांच साल की वृद्धि बहुत ही धीमी होती है