उत्तर प्रदेश के बलिया की नेहा ने कमाल कर दिखाया है. नेहा ने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है. नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाई. जिसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगा मिल गई है. ये पेंटिंग 62.72 स्कवॉयर मीटर की है.
नेहा ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली जिले की पहली बेटी है. नेहा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले रसड़ा ग्रा डेहरी की रहने वाली हैं और नेहा के पिता बूटन सिंह बीएसएफ में कार्यरत हैं. नेहा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अध्ययन कर रही हैं.
पहली बार में ही नहीं बन गया ये रिकॉर्ड
आपको बता दें नेहा 2019 से ही ये रिकॉर्ड बनाने के लिये तैयारी कर रही हैं. नेहा ने ये रिकॉर्ड बनाने के लिये करीब आठ पर कोशिश की. अलग-अलग आठ पेंटिंग नकारने के बाद गिनीज रिकॉर्ड से मिली मंजूरी के बाद उसने भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग बनाई. लॉकडाउन में घर आने के बाद नेहा ने अप्रैल से घर पर खनिज रंगों से पेंटिंग बनानी शुरू की. नेही की पेंटिंग जुलाई में बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते गिनीज से जवाब आने में 4 महीने का समय लगा.
इससे पहले श्रेया के नाम दर्ज था ये रिकॉर्ड
नेहा खनिज रंगों से पेंटिंग बनाने वाली पहली लड़की नहीं है. इससे पहले आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की श्रेया के नाम ये रिकॉर्ड दर्ज है. श्रेया ने 29 सितंबर, 2019 को 54.67 स्कॉयर मीटर में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी.
ऐसी दिखती है नेहा की पेंटिंग
नेहा की पेंटिंग में भगवद्गीता के 18 अध्यायों को दर्शाया गया है. नेहा ने पेड़ की 18 शाखाओं के जरिए इन 18 अध्यायों को दिखाया है. इसी के साथ एक-एक शाखा में 1 से 18 पत्तों का चित्रण, सबसे ऊपर कमल और ॐ से मोक्ष प्राप्ति का चित्रण किया गया है.
नेहा के नाम हैं कई रिकॉर्ड
नेहा का पहला रिकॉर्ड 10 अगस्त 2017 में बना. जहां उसने 16 लाख मोतियों से 10.11 फुट का भारत का नक्शा बनाया और वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में नाम दर्ज करवाया.
दूसरा रिकॉर्ड 30 सितंबर 2018 में बना. जब नेहा ने 449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिख डाला. ये यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ.
तीसरा रिकॉर्ड नेहा ने एक दिसंबर 2020 में बनाया. दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज बनाया है.