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AMU के शताब्दी कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी का विरोध, कई छात्र नेताओं ने किया काले झंडे दिखाने का ऐलान

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नई दिल्ली। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में जानें की चर्चा बनी हुई है। जिसके चलते पीएम मोदी के खिलाफ विरोधी आवाज उठती हुई दिखाई देने लगी है। इन विरोधी आवाजों को सुनने से पता चलता है कि कुछ लोग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के कार्यक्रम में पीएम का शामिल होना नहीं चाहते हैं। विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में पीएम मंगलवार यानि कल शामिल होंगे। पीएम की कार्यक्रम में आलोचना कर रहे आलाचकों में एक प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब भी है। एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब का कहना है कि यह एएमयू के लिए गर्व की बात नहीं है। यूनिवर्सिटी में स्कॉलर आते हैं। इससे कोई फर्फ नहीं पड़ता कि पीएम मोदी इस समारोह में शामिल हो रहे हैं या नहीं, खासकर तब जब पीएम प्राचीन संस्कृति पर देश को गुमराह कर रहा हो।

भाजपा के सामाजिक पहलुओं पर अलग मत- इरफान हबीब

बता दें कि इरफान हबीब ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सामाजिक पहलुओं पर अलग मत हैं। यह अलग नियमों पर चलती है। हबीब ने कहा कि बीजेपी को देश की संस्कृति को बर्बाद करने का कोई हक नहीं है। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद का कानून पास हुआ है और पीएम मोदी ऐसी बातों को बर्दाश्त कर रहे हैं। वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष डाक टिकट भी जारी करेंगे। इस मौके पर एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने पीएम मोदी के प्रति आभार जताया है। हालांकि कई छात्रों और शिक्षकों ने पीएम की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की है तो वहीं कुछ लोग इसके विरोध में हैं। इस कार्यक्रम का कई छात्र नेताओं ने विरोध किया है और काले झंडे दिखाने का ऐलान भी किया है। वहीं माहौल खराब न हो, इसके लिए करीब 20-22 रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान पहले से ही सामान्य सुरक्षा के अलावा विश्वविद्यालय के बाहर तैनात किए गए हैं। एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष नदीम अंसारी ने कहा कि मोदी की उपस्थिति किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर वीसी व्यक्तिगत लाभ की तलाश में है तो वह उसे मैरिस रोड स्थित अपने आवास पर बुला सकते हैं। अगर इस कार्यक्रम के कारण विश्वविद्यालय का माहौल बिगड़ता है, तो यह विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।

विज्ञान भवन में पीएम मोदी ने दो साल पहले जाहिर की थी ये इच्छा-

वहीं एएमयू शिक्षकों ने इस आयोजन का स्वागत किया है। विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र संकाय के प्रोफेसर रेहान अख्तर काजमी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने एएमयू के कुलपति के प्रयास की प्रशंसा की और इसे विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक पल का नाम दिया, साथ ही संकाय और छात्रों के बीच उत्साह को साझा किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने दो साल पहले विज्ञान भवन में एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर के साथ मुस्लिम लोगों को देखने के लिए अपनी इच्छा साझा की थी और यह आयोजन मुस्लिम समुदाय के लिए एक नई शुरुआत होगी।

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