- त्रिनाथ मिश्र, भारत खबर
शामली। मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए जीआरपी शामली की पुलिस ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पूर्व में की गई तमाम रिपोर्टिंग से तिलमिलाए एसओ जीआरपी राकेश कुमार व उनकी टीम ने बदले की भावना से एक पत्रकार पर हमला कर दिया।
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यूपी जीआरपी ने किया इंस्पेक्टर और सहयोगियों को निलम्बित
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सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित पत्रकारों ने थाने पर डाला डेरा
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मुकदमा दर्ज न होने पर थाने में जानवर भरने की चेतावनी
काले कारनामें दिखाने से तिलमिलाए थे इंस्पेक्टर
पिछले दिनों रेलवे स्टेशन पर जीआरपी द्वारा हो रही तमाम प्रकार की अवैध वसूली और प्राइवेट वेंडरों की खबर चलाने के एवज में न्यूज24 के पत्रकार अमित शर्मा पर जानलेवा हमला कर दिया, यही नहीं इसके बाद इंस्पेक्टर की बेशर्मी तो देखिए बार-बार यह कहता रहा कि मैं दरोगा हूं जो चाहूंगा वहीं लिख दूंगा एफआईआर में…. फिर तुम करते रहना जो मन में आए….
इंस्पेक्टर की इतनी बात सुनते ही उनके दलाल पुलिसकर्मियों की तो देखिए… एक बार फिर पत्रकार अमित शर्मा पर टूट पड़े… जैसे कुत्ते हड्डिुयां नोचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हों।
ट्रेन डिरेल होने की खबर कवर करने पर खोया आपा
भारत खबर को मिली सूचना के अनुसार ट्रेन के डिरेल होने की खबर पर अमित शर्मा फुटेज लेने पहुंचे थे… इंस्पेक्टर ने मना किया… अमित के रिपोर्टिंग करते रहने की ललक से चिढ़े इंस्पेक्टर ने कैमरे पर हाथ मारकर नीचे गिरा दिया और फिर अपनी टीम के साथ टूट पड़े लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को हिलाने के लिए….
खादी के सामने गालियां खाकर भी खामोश रहने वाले इन पुलिसकर्मियों में समाज के अपराधियों के प्रति जो गुस्सा उठना चाहिए वह अब चंद रुपयों के आगे शांत हो जाता है… लेकिन कोई शरीफ आदमी शिकायत करने पहुंच जाए तो इनका सोया जमीर सांप की तरह बिलों से बाहर आ जाता है…. यह जहर उसी का नतीजा है….
भारत खबर की चेतावनी है कि यह घटना समाज के उन तमाम पत्रकारों के मुंह पर करारा तमाचा भी है जो खुद को मल्टीनेशनल कम्पनी का रखैल जोरू समझते हैं। उन संगठनों की जिम्मेदारी अब कहां है जो पत्रकारों के हितों का दम्भ भरते हैं… शायद उनका जमीर अब मर गया है…
यूपी जीआरपी ने हालाकि इंस्पेक्टर राकेश कुमार और उनकी दलाली करने वाले संजय पंवार को निलम्बित कर दिया है…. लेकिन पत्रकार संगठनों से फिर वही सवाल कि आखिर कब तक झूठ का चोला पहन कर अपनों को धोखा देते रहोगे?