अमृतसर। समझौता एक्सप्रेस से पाकिस्तान जाने वाले भारतीयों ने अपना दुख साझा करते हुए कहा है कि बेटी कुंवारी बैठी रहे तो अच्छा पर पाकिस्तान में निकाह नहीं करेंगे। इन लोगों का कहना है कि उन्हें अल्लाह जिंदगी में भी पाकिस्तान की सुरत न दिखाएं क्योंकि पाकिस्तानी हुकूमत भारतीयों पर जुल्म ढा रही है। बता दें कि ये सब बाते उन लोगों ने कही है जो 2018 में पाकिस्तान से आई पहली समझौता एक्सप्रेस के मुशाफिर हैं। । पाक से लौटने वाले भारतीय मुसाफिरों ने बताया कि वाघा में पाकिस्तान के कस्टम अधिकारी मुसाफिरों का सामान और नकदी छीन लेते हैं।
दरअसल दिल्ली के जामा मस्जिद निवासी अब्दुल गफ्फार कहते हैं कि पाक के रवैये के कारण रिश्तेदारियां टूटने लगी हैं। वे अपनी बेटी शाहिदा के लिए अपनी खाला के बेटे का रिश्ता जोड़ने गए थे। जब उन्होंने पाक में रहने वाली भारतीय बेटियों से उनका हाल जाना तो बेहद डर गए। उन्होंने ठान लिया है कि भले ही बेटी कुंवारी रह जाएं, लेकिन पाक में निकाह नहीं करेंगे।पाक के बाजारों में भारतीय मुसाफिरों को सरेराह रोककर उनकी पहचान देखी जाती है और उन्हें जलील किया जाता है। घंटों तक भारतीय मुसाफिरों को पाक थाने में बिठाकर जांच के नाम पर परेशान किया जाता है।
ऐसे में भारत को पाक के साथ रेल सेवाएं ही नहीं बल्कि सारे बंधन तोड़ लेने चाहिए। सोमवार को दो घंटे देरी से आई समझौता एक्सप्रेस में 174 मुसाफिरों ने एक-दूसरे देशों में यात्रा की। पाक से लौटे अलीगढ़ के युसूफ मोहम्मद कहते हैं कि पाक जाना बेकार है। पाक के इरादे साफ नहीं है। पाक भारत विरोधी जहर घोल रहा है। पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत से पाक गए मुसाफिरों को इस्लाम का पाठ पढ़ाते हुए उन्हें पाक के इशारे पर भारत में दहशत फैलाने की नाकाम कोशिश कर रहा है। कराची से लौटी मेरठ की आयशा बेगम कहती है कि पाक में भारतीय मुसाफिरों को तिरस्कार की नजरों से देखा जाता है। भारतीय मुसाफिरों को थाने में तीन बार हाजिरी देने के लिए मजबूर किया जाता है। पाकिस्तान के कस्टम अधिकारी भारतीय मुसाफिरों के सामान छीन लेते हैं।