लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज के लोगों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी ब्राह्मणों का मंडलीय सम्मेलन करने जा रही है और इसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को दी गई है। ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत 23 जुलाई से अयोध्या से होगी।
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा ने तंज कसा है। सपा प्रवक्ता का कहना है कि “जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहा है, मायावतीजी को ब्राह्मण याद आ रहा है।’
‘इनकी सरकार में ब्राह्मणों पर सबसे ज्यदा अत्याचार हुए’
अभिषेक मिश्रा का कहना है, ‘ये वो लोग हैं जिन्होंने कहा था कि हमारी सरकार आने पर भगवान परशुराम की मूर्ति उससे बड़ी लगवाएंगे जितनी बड़ी का ऐलान समाजवादियों ने किया है। इनकी सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार हुआ, एससी\एसटी के गलत मुक़दमे लिखे गए, सभी इससे अवगत हैं।’
समाजवादी पार्टी के साथ खड़ा है ब्राह्मण समाज
सपा प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा ने कहा है कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आज हर वर्ग, हर समाज पूरी खासकर ब्राह्मण वर्ग पूरी निष्ठा के साथ समाजवादी पार्टी के साथ खड़ा है। हर कोई अखिलेश यादव में भविष्य देख रहा है। अखिलेश यादव ने सबको सम्मान दिया है, सबको आगे बढ़ाने का काम किया है। लोगों को इज्ज़त देकर विकास से जोड़ने का काम किया है और प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम किया है।’
उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर चल रहा था। उन्होंने शिक्षा, हेल्थ आदि पर काम किया है। सपा प्रवक्ता ने कहा है कि बसपा और मायावती डर गई हैं, इसीलिए ऐसा ऐलान किया है। हालांकि अब बहुत देर हो चुकी है, पूरे उत्तर प्रदेश ने ठान लिया है कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है और एक बार फिर प्रदेश को विकास की राह पर लेकर जाना है।