फतेहपुर: जिले में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते लोगों की जान पर बन आयी है। हालात यह हैं कि मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक ट्रांसफार्मर प्लेटफार्म बदहाल हो चुके हैं। ये बदहाली कोई दूर-दराज के गांवों की नहीं है बल्कि शहर मुख्यालय के ट्रांसफार्मरों की है।
इसके बाद भी जिले के अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या जबतक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हो जाएगी तब तक विभाग के अधिकारियों को जानकारी नहीं होगी? या फिर सबकुछ जानकर अनजान बनने का ढोंग किया जा रहा है। ऐसे में कुछ भी हो लेकिन व्यवस्था में सुधार तो होना ही चाहिए।
किसी भी मानक का नहीं हो रहा पालन
शहर के राजकीय महाविद्यालय जाने वाले मार्ग पर दो स्थानों पर ट्रांसफार्मर रखे गए हैं, जिनमें सुरक्षा के दृष्टिकोण से किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया है। साथ ही खुले हुए तार सड़क के बाहर लटक रहे हैं। पास में ही वाहनों की पार्किंग भी की जाती है। ऐसे में यही कोई शॉर्ट सर्किट हो जाये तो बड़ी घटना हो सकती है, जिसमें लोगों की जान-माल से लेकर सरकारी नुकसान तक शामिल है।
यहां से बाहर निकलने पर आईटीआई मार्ग आता है। यहां से रेल बाजार जाने वाले मार्ग के पास भी एक ट्रांसफार्मर रखा है। यहां भी सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करते हुए ट्रांसफार्मर रखा है। इसका प्लेटफार्म भी क्षतिग्रस्त हो चुका है, लेकिन बिजली विभाग को इसकी जानकारी ही नहीं है। बदहाल व्यवस्था की दास्तान यहीं समाप्त नहीं हो जाती है बल्कि शहर के मुख्य मार्ग में शामिल बाकरगंज मार्ग से जिला अस्पताल जाने वाले मार्ग पर सड़क के ठीक किनारे बेहद जर्जर स्थिति के प्लेटफार्म पर ट्रांसफार्मर रखा हुआ है।
अधिकारी-कर्मचारी अपने में मस्त
विभाग में तमाम संविदा कर्मी से लेकर अवर अभियंता और तमाम छोटे-बड़े अधिकारी-कर्मचारी होने के बाद भी बड़ी से बड़ी लापरवाहियों पर ध्यान नहीं दिया जाता। एक ओर जहां संविदा कर्मियों को हड़ताल प्रदर्शन से समय नहीं मिलता तो वहीं अधिकारियों को आपसी राजनीति से फुर्सत नहीं। शायद तभी उन्हें ऐसी घोर लापरवाही की जानकारी नहीं है। अब देखने वाली बात होगी कि बिजली विभाग के कमर्चारी-अधिकारी कब अपनी खामियों को दूर कर पाते हैं।