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उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की बनी रणनीति

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लखनऊ। पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, पर्यटन प्रबंध संस्थान तथा फिक्की (ficci) के साथ संयुक्त रूप से वेबिनार की एक श्रृंखला शुरू की गई। जिसमें उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के आयामों पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस मौके पर राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी और प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम भी मौजूद रहे।

प्रतीक हीरा, संस्थापक टॉरनास, अध्यक्ष आयटो तथा पर्यटन समिति फिक्की ने आयोजन का संचालन किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन का अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में बहुत बड़ा योगदान है। कोरोना महामारी के कारण पर्यटन उद्योग को बहुत क्षति हुई है। पर्यटकों के आवागमन में कमी हुई है, जिससे छोटे, बड़े सभी उद्यमियों के व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।

बीइंग टूरिज्म रेडी वेबिनार में कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया, जो पर्यटन उद्योग को पुनः अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे।

वेबिनार में ज्योत्सना सूरी, अध्यक्ष, ट्रैवल, टुरिज़म एण्ड हॉस्पिटलिटी कमिटी तथा मुख्य प्रबंध निदेशक, ललित सूरी हॉस्पिटलिटी ग्रुप ने उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं की चर्चा करते हुए पर्यटन के क्षेत्र का उत्थान किए जाने पर सुझाव दिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ बेहतरीन पाक कला एवं हस्तशिल्प से भी अवगत कराया।

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उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर, लखनऊ एवं वाराणसी तीन ऐसे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं, जिसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्रदेश से आवागमन की सुविधा उठा सकेंगे। उन्होंने अवस्थापन सुविधाओं पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी आवासीय इकाई में स्वछता सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है।

इस दौरान रणवीर बरार, सेलिब्रिटी शेफ ने कलनरी टूरिज्म पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे खान-पान के माध्यम से टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने खान पान को तीन भागों में विभाजित किया। जैसे- रोज का खाना, राजसी खाना एवं देवों का भोग। उनके अनुसार यह तीनों खान-पान किसी भी और प्रदेश में एक साथ नहीं पाए जाते हैं। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही एक ऐसा प्रदेश है जहां तीनों खान-पान उच्च स्तर के उपलब्ध हैं। उन्होंने प्रदेश में एक कलनरी (पाक) संस्थान बनाये जाने का भी सुझाव दिया।

16 वर्षों से भारत का भम्रण कर रही और सर्वश्रेष्ठ टैवेल ब्लागर सम्मान प्राप्त कर चुकी अंतर्राष्ट्रीय लेखिका मार्लिन वॉर्ड ने कहा कि कोई भी पर्यटक किसी एक गन्तव्य की जगह दूसरे गन्तव्य का चयन क्यों करता है, पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटक कहानियों के माध्यम से किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में सोचता है तथा उस स्थल को स्वयं अनुभव करने के उद्देश्य से भ्रमण करता है।

इंडियन एक्सपिरेनसेस की संस्थापक और ब्लॉगर फिलिपा काए ने भी वेबिनार में प्रतिभाग किया और उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की विशेषताओं पर चर्चा की। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि कोविड महामारी में उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा घरेलू एवं अन्तराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से अनेको कार्य किए गए हैं, जिसमें अयोध्या में दिव्य दीपोत्सव तथा वाराणसी में देव दीपावली एवं महाशिवरात्रि महोत्सव के आयोजन प्रमुख है।

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उन्होंने बताया कि वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा एवं वृन्दावन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं हेतु निरन्तर कार्य किया जा रहा है। नए पर्यटन स्थलों में अयोध्या एवं चित्रकूट का भी पर्यटन विकास किया जा रहा है। हर आय-वर्ग के पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाओं पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिससे उनका भ्रमण सुखद हो।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकाल, डॉ नीलकण्ठ तिवारी ने वेबिनार के आयोजकों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि मैं इस आयोजन में प्रतिभाग कर एवं वक्ताओं को सुनकर अत्यधिक उत्साहित हुआ हूँ। उन्होंने कहा कि विश्व भर के सभी प्रश्नों का उत्तर उत्तर प्रदेश में विद्यमान हैं।  चाहें वह आध्यात्मिक हो, धार्मिक हो, स्वतंत्रा संग्राम से जुड़ी कोई घटना हो, वन्य जीव या फिर ग्रामीण पर्यटन से संबंधित हो। रामराज्य की उत्पत्ति, उत्तर प्रदेश में हुई, सबसे अधिक भाषाओं में अनुवादित ‘‘गीता‘‘ को उत्तर प्रदेश में लिपिबद्ध किया गया।

चन्दौली, सोनभद्र, कतरनियाघाट, दुधवा आदि वन्य जीव क्षेत्र के लिए अत्यन्त मनमोहक है। राजदरी, देवदरी, लखनियां दरी, जैसे जलप्रपात प्रदेश में स्थित है। हजारों वर्षों पुराने जीवाश्मों सलखान में विद्यमान हैं। बौद्ध धर्म के आस्था के केन्द्र उत्तर प्रदेश में विद्यमान है, जिन्हें देखने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक उत्तर प्रदेश के भ्रमण पर आते है। उन्होंने बताया कि कुशीनगर में 200 एकड़ क्षेत्र में पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास कार्य किया जा रहा है। केवल वाराणसी में ही 49 संगीत के घराने है, जिन्हें देखने के लिए विदेशी पर्यटक आते है एवं मंत्रमुग्ध होकर वाराणसी में ही बस जाते है।

मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों को रेल, सड़क एवं वायु मार्ग से जोड़ा जा रहा है। हेलीपोर्ट एवं एयरपोर्ट का निर्माण विभिन्न पर्यटन स्थलों पर किया जा रहा है। वाराणसी में तीन दिवसीय फैम टुअर का आयोजन विभिन्न टुअर आपरेटर एवं टैवेल एजेण्ट हेतु किया गया था, जिससे वह वाराणसी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया था, जिसमें 700 प्रवासी भारतीय द्वारा प्रतिभाग किया गया था।

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