मैक्यूलर डीजनरेशन और ड्राई आई सिंड्रोम आंखों की बड़ी समस्याओं में से एक है। मैक्यूलर डीजनरेशन से धुंधला या कम दिखाई देने लगता है। वहीं, ड्राय आई सिंड्रोम यानी आंखों में सूखापन से व्यक्ति की आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं बन पाते हैं, जिस कारण आंखों की चिकनाहट या नमी चली जाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा होने से वयस्कों को मैक्यूलर डीजनरेशन और ड्राई आई सिंड्रोम से बचाने में मदद मिल सकती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के सबसे अच्छे स्त्रोत मछली, टूना, नट्स और बीज, पौधे के तेल जैसे अलसी के तेल, कैनोला तेल आदि हैं।
वहीं खानपान में लापरवाही, अनिद्रा, तनाव और स्क्रीन के आगे बहुत देर तक बैठकर काम करने से आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। जो आपके चेहरे की खूबसूरती को भी प्रभावित करते हैं, वैसे तो डार्क सर्कल को खत्म करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। लेकिन आप अपनी आंखों का खास ख्याल रखेंगे। तो निश्चित ही यह समस्या समाप्त हो जाएगी ज्यादातर लोगों के आंखों में पानी आने की समस्या होती है। कभी-कभी आंखों में गई धूल-धक्कड़ को बाहर निकालने के लिए भी आंखों में अपने आप पानी आ जाता है। धुआं, प्याज के केमिकल की वजह से भी आंखों में पानी आने लगता है लेकिन कभी-कभी आंखों में पानी आना आंखों की किसी बीमारी से भी जुड़ा हो सकता है।
कई बार आंखों में जलन और पानी आने की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से आंखों में दर्द होता है। इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आमतौर पर जब आंखें जल रही हों, तो समझ नहीं आता ऐसा क्यों हो रहा है। कई बार तो यह समस्या दोनों आंखों को प्रभावित करती हैं। लेकिन कुछ में केवल एक आंख ही लाल होती है।
आज के समय में लोग दिनभर लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल में लगे रहते हैं, जिसकी वजह से आंखें थक जाती है और यहां तक कि आंखों में दर्द भी होने लगता है। मजबूत इम्युनिटी और आंखों की सेहत के लिए लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी है. विटामिन सी जैसे पोषक तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं।