सूर्य ग्रहण 2021: शनि जयंती पर 148 साल पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस बार शनि जयंती के दिन यानकी 10 जून को सूर्य और शनि का अद्भुत योग बनेगा। लेकिन इस साल लगने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। और न राशियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण 6 जून को दोपहर एक बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा।
आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि सूर्यग्रहण ग्रीनलैंड, उत्तर-पूर्वी कनाडा, उत्तरी अमेरिका में दिखाई देगा। शनि की साढ़े साती और ढैय्या जिन राशियों पर चल रही है, उनके पास शनि देव को प्रसन्न करने का अच्छा मौका है।
बताया कि इससे पहले 26 मई 1873 में यह संयोग पड़ा था। इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण, वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में पड़ने वाला है। मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है। इस समय वक्री शनि मकर राशि में है और उसकी दृष्टि मीन व कर्क राशि में विराजमान मंगल ग्रह पर है।
आचार्य सुशांत राज के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 9 जून को दोपहर एक बजकर 57 मिनट से शुरू होगी। जो 10 जून को शाम 4 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगा में स्नान करना शुभ माना जाता है। गंगा में स्नान न कर पाएं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल मिला लें।
इस दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पेट पर गेरू का लेप (चावल का लेप) लगाए। ग्रहण के दौरान कुछ न खायें और बचा हुआ खाना जो ग्रहण काल में रखा हो, उसका इस्तेमाल भी न करें।