पब्लिक हेल्थ सेक्टर में विश्व को एकसाथ करना चाहिये निवेश: WHO प्रमुख

WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घ्रेबेसिस ने कहा कि पूरी दुनिया के देशों को अगली महामारी से पहले Public Health में बड़ी मात्रा में पैसा निवेश करना चाहिए, नहीं तो कोरोना जैसे हालत हो सकते हैं।
- नई दिल्ली || भारत खबर
कोरना महामारी को देखते हुए भारत पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर आ चुका है हाल ही में भारत ने ब्राजील को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान अर्जित किया है। इसी बीच डब्ल्यूएचओ ने एक और घोषणा की है जो बेहद चौंकाने वाली भी है और चिंताजनक भी है।
WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घ्रेबेसिस ने कहा कि पूरी दुनिया के देशों को अगली महामारी से पहले Public Health में बड़ी मात्रा में पैसा निवेश करना चाहिए, नहीं तो कोरोना जैसे हालत हो सकते हैं। गौरतलब है कि बयान तब आया है जब कोरोना महामारी का अभी तक कोई टीका नहीं खोजा जा सका है और Public Health को लेकर के भारत समेत पूरे विश्व के लोग परेशान और हताश हैं।
WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस ने कहा कि कोरोना के कारण दुनिया में 2.71 करोड़ लोग संक्रमित हुए और 8.88 लाख से अधिक लोगों की जान चले गई है। WHO chief ने जेनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि यह कोई अंतिम महामारी नहीं है। ये महामारियां जीवन की हकीकत हैं। ये समाप्त नहीं होतीं। WHO Chief ने कहा कि दूसरी महामारी दुनिया पर हमला करे, उससे पहले हमें पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
WHO प्रमुख ने कहा है कि पूरी दुनिया को एक पटल पर आकर दवा और वैक्सीन से संबंधित शोधों को मिलकर करना चाहिए ताकि पब्लिक हेल्थ में अधिक से अधिक पैसा लगे और लोगों के अच्छी सेहत के लिए अच्छी दवाओं का अच्छी वैक्सीन का निर्माण किया जा सके।
यह है भारत का आंकड़ा
भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण की संख्या 42 लाख 4 हजार हो गई जिनमें से 71 हजार 642 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। एक्टिव केसेस की संख्या 8 लाख 82 हजार हो गई है और 32 लाख 50 हजार लोग हालाकि ठीक भी हो चुके हैं लेकिन संक्रमण के दशक के मामलों की संख्या में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या है वह साढे तीन गुना अधिक है।
कोरना संक्रमण को लेकर भारत में वैक्सीन की थी जिसे डिमांड बढ़ रही है लेकिन सबसे बड़ी बात तो यही है कि वैक्सीन आएगी कहां से। पिछले दिनों रूस ने अपने देश के लिए कोरोना वैक्सीन की शुरुआत कर दी थी और इसकी शुरुआत करते हुए रूस के राष्ट्रपति ने अपनी बेटियों को वैक्सीन की पहली डोस दिलवाई थी सबसे बड़े देश का काम उन्होंने खुद ही किया था।