देश भर में बैंक यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इसका प्रभाव देश भर में देखा जा रहा है। 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के चेक क्लियरिंग में अटक गए हैं। वहीं नगद ट्रांजेक्शन, फंड ट्रांसफर और विदेशी मुद्रा विनिमियन पर इसका असर देखने को मिल रहा है। वहीं कुछ ऐसे बैंक भी हैं जिनमें हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ा।
आपको बता दें कि हड़ताल का असर भारतीय स्टेट बैंक और निजी बैंकों पर नहीं पड़ा है। मालूम हो कि वाम दलों द्वारा समर्थित इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक कर्मचारी संगठन और बैंक कर्मचारी फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े सदस्य भाग ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों से जुड़े सात संगठन इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेकटचलम ने कहा कि मंगलवार को हड़ताल के चलते 20 हजार करोड़ रुपये के चेक अटक गए हैं।
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हड़ताल के कारण
गौरतलब है कि बैंक कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन बढ़ोत्तरी समेत कई मांगों को लेकर अपना विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति समेत 12 मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों के 10 केंद्रीय संगठनों ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। इन संगठनों में इंटक, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआईसीसीटीयूसी, यूटीयूसी, एलपीएफ, एसईडब्लूए शामिल हैं।
बताते चलें कि इससे पहले बीते माह 26 दिसंबर को भी इन संगठनों ने वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल की थी। इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हुए थे। नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा है कि यह एक राजनीतिक हड़ताल है और इसका बैंक कर्मचारियों के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए सात यूनियन इसमें हिस्सा नहीं लेंगी।