यूपी की सियासत एक बार फिर से जुबानी जंग की वजह से सुर्खियों में आ गई हैं। इस बार ये लड़ाई सपा सांसद शफीक उर्र रहमान और बीजेपी विधायक संगीत सोम के बीच छिड़ा है।ये सारा विवाद तब शुरू हुआ जब संभल से सपा सांसद शफीक उर्र रहमान ने कहा कि बेशक कोरोना संक्रमण चल रहा है, लेकिन सरकार को बकरीद के चलते जानवरों के बाजार खोल देना चाहिए। साथ ही मस्जिद और ईदगाह में नमाज पढ़ने की आजादी होनी चाहिए।
सपा सांसद के इस बयान पर मेरठ की सरधना सीट से विधायक संगीत सोम ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि सांसद को पता होना चाहिए कि यह उनकी खाला की सरकार नहीं है। यहां अब कायदे और कानून से काम किया जाता है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार कायदे और कानून से चलती है। ऐसे में जब यह संकटकाल बढ़ रहा है और तमाम लोग इसके शिकार हो रहे हैं, तो सपा सांसद को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। इसके साथ ही संगीत सोम ने कहा कि,फ़िलहाल कोई भी धार्मिक स्थल-धाम नहीं खुल रहा है। तो ऐसे में कैसे इजाजत दी जा सकती है।
अगर सांसद के बयान में दम है तो सबसे पहले पाकिस्तान में कोरोना गायब हो जाना चाहिए था। सांसद को भी कानून का पालन करना चाहिए। नहीं तो जिस तरह आजम खान की बकरीद जेल में मन नहीं है, उनकी भी जेल में मनेगी।
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विधायक संगीत सोम ने बकरीद पर सुझाव देते हुए कहा कि, बकरीद पर खेती करने वाले जानवर काटे जाएं। साग, आलू खाकर भी ईद मनाई जा सकती है। संगीत सो के इस बयान से सपा और बीजेपी में सियासी जंग छिड़ गई है और माहौल भी गर्म हो गया है।