अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में मंदिर तोड़ने के मामले में राजगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन सतीश दुहारिया को निलंबित करने को लेकर अलवर शहर में जन आक्रोश रैली निकाली गई।
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22 अप्रैल को अलवर में 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलाए जाने का मामला सामने आया था । आने के 5 दिन बाद हिंदू संगठनों और साधु-संतों ने बुधवार को आक्रोश रैली निकाली। आक्रोश रैली की अगुवाई कर रहे अलवर सांसद बालक नाथ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफा देने की मांग की। फिलहाल साधु-संतों और कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते के बीच बातचीत का दौर चल रहा है। इसमें समाज के कई साधु, संत भी मौजूद हैं। वे अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर अड़े हुए हैं।
इस रैली के माध्यम से राजगढ़ के विधायक जोहरी लाल मीणा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। रैली कंपनी बाग से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई कलेक्ट्रेट परिसर में पहुची सांसद बाबा बालकनाथ ने बताया वर्तमान सरकार विशेष समुदाय के लोगों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। वही सनातन संस्कृति के मंदिर मठों को मुगल काल की तरह तोड़ा जा रहा है।
राजगढ़ विधायक पर सांसद ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि दुष्कर्म के मामले में अपने बेटे को बचाने के लिये यह षड्यंत्र रचा। वही पुराने तीन मंदिरों को तोड़ने के अलावा विधायक जोहरी लाल मीणा ने 80 मकान और दुकानें तोड़कर लोगों को सड़कों पर ला दिया। उन्होंने कहा कि राजगढ़ चेयरमैन सुरेश दुहारिया को जानबूझकर हटाया गया है। सरकार का मकसद है कि चेयरमैन को हटाकर दबाव बनाया जाए और भारतीय जनता पार्टी की जगह कांग्रेस का बोर्ड गठित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि राजगढ़ में गौरव पथ बनाने के लिए जब मीटिंग हुई थी उस मीटिंग में राजगढ़ के विधायक जोहरी लाल मीणा भी उपस्थित थे।
मीटिंग को लेकर राज्य सरकार को नगरपालिका चेयरमैन के साथ साथ विधायक जोहरी लाल मीणा को भी सस्पेंड किया जाए। बैठक में सिर्फ छज्जे व चबूतरे हटाने का निर्णय लिया गया। लेकिन जोहरी लाल मीणा के इशारे पर यह सब कुछ हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि इस घटना के मूल में जोहरी लाल मीणा विधायक के बेटे के खिलाफ राजगढ़ में एक नाबालिग द्वारा दुष्कर्म का मामला दर्ज है। जिससे लोगों का ध्यान हटाने को लेकर यह कृत्य को अंजाम दिया गया है।