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पीएम मोदी ने 68वीं बार मन की बात कार्यक्रम में किया संबोधन

मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 68वीं बार मन की बात कार्यक्रम के जरिये सम्बोधन कर रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में आत्मनिर्भर भारत का हवाला देते हुए कहा की भारत में लोकल स्तर पर खिलोने बनाये जाने चाहिए। इसे टॉय इंडस्ट्री को भारत में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सम्बोधन में कहा कि जिस तरह असहयोग आंदोलन के समय गांधीजी ने कहा था कि यह भारतीयों में आत्मविश्वास जगाने का आंदोलन है। वैसा ही हमें आत्मनिर्भर भारत आंदोलन के साथ भी है।

लोगों के संयम को सराहा

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में लोगों के संयम को सराहा और कहा कि कोरोना के दौर में घर में रहते हुए उत्सव मनाए जा रहे हैं। लोग अपना और लोगों का ध्यान रखते हुए अपना काम कर रहे है। जिस तरह का संयम देखा जा रहा है, वह अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव ऑनलाइन मनाया जा रहा हैं। इको फ्रेंडली गणेश की प्रतिमा स्थापित हुई है।

पर्वों में पर्यावरण का संदेश छिपा

उन्होंने कहा कि कई पर्व पर्यावरण के लिए मनाए जाते हैं। बिहार के थारू समुदाय ने प्रकृति को जीवन का हिस्सा बना लिया हैं। वे 60 दिन के त्योहार बरना को मनाते हैं। कोई कहीं भी आता-जाता नहीं है। इस दौरान कृषि से जुड़ा ओणम भी मनाया जा रहा हैं। हमारे पर्व किसानों के रंग से ही हरे-भरे बनते हैं। उन्होंने ऋग्वेद के एक श्लोक कहते हुए कहा कि अन्नदाता को नमन है।

टॉय इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी

पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना काल में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा हैं। यह भी ख्याल आता है कि घर में रहने वाले बच्चों का समय कैसे बीतता होगा? मैंने कहीं पढ़ा कि खिलौने के संबंध में रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि खिलौना वही अच्छा होता है जो अधूरा हो। बच्चे उसे खेल-खेल में तैयार करें। उन्होंने कहा कि ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रुपए की है, लेकिन भारत की इसमें हिस्सेदारी काफी कम हैं।

आत्मनिर्भर भारत में टॉय इंडस्ट्री अहम

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि खिलौना वो हो जिसे बचपन खेले भी और खिलखिलाए भी। अब कंप्यूटर गेम्स का दौर हैं। इनमें ज्यादातर की थीम भारतीय होती है। आत्मनिर्भर भारत में टॉय इंडस्ट्री को बड़ी भूमिका निभानी हैं।

खान-पान का रखे ख्याल: पीएम

पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में खान-पान में पोषकता का ख्याल रखने को कहा। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चे अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, इसमें पोषण की बड़ी भूमिका हैं। सितंबर को पोषण महीने के तौर पर मनाया जाएगा। पेट में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी है कि मां को भी जरूरी पोषक तत्व मिलें। कितना खाना है, इसकी बजाय यह आवश्यक है कि सही मात्रा में विटामिन-प्रोटीन मिल रहे हैं या नहीं। राशन कार्ड की तरह न्यूट्रीशन कार्ड भी बनाए जाएं। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

जवानों की वीरता को किया था सैल्यूट

बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले महीने मन की बात में करगिल युद्ध के 21 साल पूरे होने पर इस जंग में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को याद किया था। प्रधानमंत्री ने कहा- पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी। दुश्मन पहाड़ पर बैठा था, लेकिन जीत भारतीय सेना के हौसले और सच्ची वीरता की हुई।

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