नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जहां विपक्ष पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए एकजुट हैं तो वहीं विपक्ष में पीएम का उम्मीदवार कौन होगा इस पर रार फिलहाल फंसी हुई हैं। बता दें कि जहां एक ओर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार के तौर पर देख रहे हैं तो वहीं, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से पीएम उम्मीदवार को लेकर ममता बेनर्जी की ओर से कहा गया है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए।
आपको बता दें कि बीजेपी को चुनाव में कड़ी शिकस्त देने के लिए कोलकाता में कल ममता बेनर्जी की ओर से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए संभावित विपक्षी मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए।
क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता
ममता ने कहा कि ऐसा करना बीजेपी से लड़ने की क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता को विभाजित कर देगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ आना चाहिए और उन्हें देश के फायदे के लिए बलिदान देना चाहिए। ममता बनर्जी बीजेपी से मुकाबले के लिए फेडरल फ्रंट बनाना चाहती है। यानि कांग्रेस विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल हो न की विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ें। वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि विपक्षी दलों को एकजुट कर 2019 लोकसभा चुनाव में उतरा जाए।
ममता बनर्जी या मायावती हो सकती हैं पीएम
आपको बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा था कि बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए कोई भी नेता जिसके पीछे आरएसएस नहीं हो उसे प्रधानमंत्री बनाने में कांग्रेस को परहेज नहीं है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी ममता बनर्जी या मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का दांव चल सकती है। इस बीच ममता ने कहा है कि फेडरल फ्रंट में कोई प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं हो। वहीं कल ही बिहार में जनाधार रखने वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कहा था कि उसे प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करे। उसे राहुल के नाम पर आपत्ति नहीं है।
एचडी देवगौड़ा ने राहुल के नाम पर जताई सहमति
इससे पहले जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी राहुल के नाम पर सहमति जताई थी। देवगौड़ा ने कहा था, ”कर्नाटक में हम कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं। ऐसे में हमें राहुल गांधी की उम्मीदवारी स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है।” आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी कोल हराने के लिए पूरा विपक्ष एक हो चुका है। हालांकि पीएम उम्मीदवार को लेकर एकजुटता में देरी की मुख्य वजह सामने आ रही है।
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