केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि मंत्रालय की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षित युवाओं को खेती के प्रति आकर्षित करने में कारगर सिद्ध हुई हैं।राधा मोहन सिंह ने मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बीते रोज गुरूवार को हुई बैठक में इसका विवरण भी दिया है।सिह ने इस दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के प्रयासों की प्रशंसा भी की।

गौरतलब है कि मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए ‘कृषि उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप’ विषय पर आयोजित थी।
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कृषि मंत्री सिंह ने आइसीएआर के बारे में कहा कि उसके विभिन्न संस्थानों की विकसित प्रौद्योगिकी ने देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया है। देश में इस समय पर्याप्त खाद्यान्न के साथ-साथ बागवानी उपज, दूध, मछली और अंडे का उत्पादन बढ़ाने में संस्थानों की अहम भूमिका है। पीएम मोदी की मंशा के अनुरुप किसानों की आमदनी को दोगुना करने में युवा उद्यमियों ने भी उत्साह जनक पहल की है। स्टार्ट अप इंडिया मिशन से कृषि क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को नई दिशा मिली है।इससे एक तरफ किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिली है, दूसरी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं।
दिशा में कई स्तरों पर प्रभावी कदम उठाते हुए कृषि विज्ञान केंद्रों पर किसानों को उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के तहत कृषि से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी संसाधन प्रदान किये जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि ग्रामीण शिक्षित युवाओं को कृषि की तरफ आकर्षित करने के लिए शुरु की गई आर्या योजना कारगर साबित हो रही है।
कृषि क्षेत्र में विद्यार्थियों को जागरुक करने के लिहाज से छात्र उद्यमिता जागरुकता विकास (स्टूडेंट रेडी) योजना लागू की गई है। इसके अलावा आइसीएआर ने अपने संस्थानों की ओर से विकसित प्रौद्योगिकी से रोजगार एवं आमदनी बढ़ाने के उपायों की तरफ भी कदम उठाया हैं। इसके लिए 25 संस्थानों पर कृषि उद्यमिता विकास केंद्रों (एग्री इंक्यूबेशन सेंटर) की स्थापना की गई है। इन सेंटरों से नये स्टार्टअप बाजार में आ रहे हैं।