नई दिल्ली। दिल्ली में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर दिल्ली में रहने वालों की मुश्किलें बढा दी है। जी हां… आपको बता दें कि लगातार हो रही से यमुना उफान पर आ गई है। इसके साथ ही हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने औक पहाड़ी राज्यों में बारिश होने से यमुना का जल स्तर खतरें के निशान को पार कर गया है जिसको लेकर यमुना के किनारे रहने वालों लोगों को अलर्ज जारी कर दिया गया है।
खतरे के निशान से 0.09 मीटर ऊपर
एएनआइ की मानें तो यमुना का जल स्तर 204.92 मीटर है जो कि खतरे के निशान से 0.09 मीटर ऊपर है जो यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो इससे सटे इलाके डूब सकते हैं। यहां पर बता दें कि यमुना में जल स्तर 204.83 मीटर के ऊपर जाते ही खतरा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि बीते 40 साल में यमुना 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 2013 में खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
सरकार की चैतावनी जागा प्रशासन
यमुना के किनारें रहने वालों लोगों को बाढ़ की चैतावनी जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि इसी सिलसिले में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निचले इलाकों में रह रहे 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी कर ली है।
झुग्गी-झोपड़ियां खाली करने का ऑर्डर
बाढ़ की आंशका को देखते हुए निचले इलाकों में रह रहे लोगों को झुग्गी झोपड़ियों को खाली करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था। इसका कारण हरियाणा के यमुना नगर के हथिनीकुंड बैराज से करीब एक लाख 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाना और लगातार हो रही बारिश थी।
इन गावों में बाढ़ की आशंका
यमुना में लगातार बढ़ रहे पानी से अब्दुल्लापुर, नया बांस, नया गाव, झड़ीना, आगीरपुर, शेरा कृष्णा वाली मंढैया, बागड़पुर, अक्खापुर, गंगानगर, लठीरा, गढावली, रामपुर नियामतपुर, भगवंतपुर, बलवापुर, मोहम्मदपुर रूस्तमपुर, मंढैया किशन सिंह आदि गांवों में बाढ़ की आशंका है।
ये भी पढ़ें:-
असम मे बाढ़ के कहर से उजड़ा कईयों को घर