Mahashivratri 2022: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। यूं तो हर महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का एक अलग ही महत्व है। मान्यता है कि इस महापर्व पर शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था।
वहीं कुछ पौराणिक ग्रंथों में ये भी माना गया है कि इस दिन भगवान शिव दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 1 मार्च 2022, मंगलवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है। लेकिन आपको पता है शिवरात्रि यानी शिव विवाह की तैयारियां शिवरात्रि से एक सप्ताह पहले शुरू हो जाती है।
शिव विवाह के सभी रस्मों को शिवरात्रि से मनाया जाता है, जैसे की एक आम शादी में किया जाता है। आइए जानते हैं तो शिव विवाह से जुड़े सभी दिनों के बारे में और उनके महत्व के बारे में।
24 फरवरी को सगाई
शिव विवाह में 24 फरवरी को शिव-पार्वती की सगाई होती है। माघ महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि बुधवार 24 फरवरी को है और इसलिए इस दिन बुध प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, संकट से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है। साथ ही लंबी आयु, संतान की प्राप्ति, कर्ज से मुक्ति आदि पाने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है।
25 फरवरी को हल्दी
शिवरात्रि में 25 फरवरी को भोलेनाथ को हल्दी लगाने की रस्म निभाई जाती है। इस दिन भोर में महिलाएं बाबा के दरबार में ही मंगल गीत गाते हुए हल्दी कूटने की रस्म निभाई। वहीं, प्रतीक हल्दी बाबा बालेश्वर नाथ को लगाई जाएगी।
27 फरवरी को मेंहदी
शिवरात्रि में 27 फरवरी को मेहंदी और महिला संगीत का कार्यक्रम होगा। इस दिन शिव और पार्वती को मेहंदी लगाने की रस्म निभाई जाती है। इस मेहंदी की रस्म में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होंगी। महिलाएं परंपरानुसार गीत प्रस्तुत करेंगी। साथ ही नृत्य आदि का आयोजन भी होगा।
28 फरवरी को संगीत और बारात
28 फरवरी को भोले और गौरां की शादी का संगीत और बारात निकाली जाएगी। ये बारात 28 फरवरी को धारनाथ की बरात शाम 4 निकाली जाएगी। इस दिन पूरे मंदिरों को सजाया जाता है। भगवान भोलेनाथ को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा और विशेष रूप से परंपरागत रूप से पालकी में बैठाकर भ्रमण करवाया जाएगा। बैंड बाजे की मधुर धुन के साथ यह बारात निकाली जाती है।
1 मार्च को महाशिवरात्रि
1 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन शिव और पार्वती का विवाह होगा। महाशिवरात्रि ये फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाई जाएगी है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि महाशिवरात्रि 1 मार्च के दिन मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च, बुधवार को सुबह 1 बजे समाप्त होगी। आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय।
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