महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिंदू परंपरा का बहुत बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव प्रकट हुए थे। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती के संग विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर व्रत एवं चार पहर की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। तो आइए जानते हैं आज महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की चार पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।
चार पहरों में पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की चार पैरों में पूजा का विधान है कहा जाता है शिवरात्रि के दिन चार पैरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। महाशिवरात्रि पर पहले पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त मंगलवार शाम 6:21 से 9:27 तक है इसके बाद रात 9:27 से 12:33 तक दूसरे पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसके पश्चात बुधवार रात 12:33 से 3:39 तक तीसरे पहर की पूजा की जाएगी। और अंत में रात 3:39 से सुबह 6:45 तक चौथे पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
चारों पहरों में कैसे करें पूजा
महाशिवरात्रि के दिन अगर चार पहर में पूजा करते हैं तो पहले पहर में दूध, दूसरे पहर में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करें। हर पहर में पूजन के दौरान जल का उपयोग करना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दे। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इसके पश्चात पंचोपचार पूजन करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। वही रात्रि में शिव मंत्रों के अतिरिक्त रुद्राष्टक व शिव स्तुति का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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शिवरात्रि पर करें ये विशेष उपाय
शिवरात्रि पर मध्य रात्रि की पूजा अत्यंत फलदाई होती है इसके लिए भगवान शिव और पार्वती का पूजन करें उनके समाज घी का दीपक जलाएं अब बाद में पुष्प अर्पित करें भोग लगाएं तत्पश्चात मंत्रों का जाप करें। मंत्रों का जाप करने से आपकी मनोकामना और प्रार्थना जल्द पूरी होगी।