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जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे 20 लोगों को बचाया…..

river chenab जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे 20 लोगों को बचाया.....

जम्मू कश्मीर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, तवी खतरे के निशान से दो फुट नीचे

highway reopen closed जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे 20 लोगों को बचाया.....

भारत खबर, जम्मू कश्मीर-राजेश विद्यार्थी

मूसलाधार बारिश से जम्मू कश्मीर का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान तक पहुंच गया। सुबह कठुआ के मढीन क्षेत्र से एक परिवार के तीन सदस्यों सहित 15 लोगों को उज्ज दरिया के बाढ़ से सुरक्षित बाहर निकाला। नौशेरा में भी भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर से बाढ़ में फंसे एक व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला। जम्मू श्रीनगर हाईवे तीसरे दिन खुला, लेकिन बाद में पस्सियां गिरने से दोबारा बंद हो गया। राज्य के करीब 50 दूर दराज की सड़कों का संपर्क भी मुुख्य मार्ग से टूट गया। कश्मीर घाटी में भी लगातार बारिश के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। कश्मीर में झेलम, जम्मू मे तवी, चिनाब व अन्य नदियां और नालों का भी जलस्तर बढ़ गया।

कठुआ के मढीन क्षे़त्र से 15 लोग सुरक्षित निकाले
जम्मू। उज्ज दरिया में सुबह अचानक जलस्तर बढ़ जाने के कारण मवेशी चराने गए गुज्जर समुदाय के 15 बाढ़ में फस गए। प्रशासन ने एसडीआरएफ की मदद से सभी लोगों को बाहर निकाल लिया। एसडीआरएफ की टीमों ने नदी में रस्सियां डालकर लोगों को निकाला। इसमें एक परिवार के तीन सदस्य भी शामिल हैं। सबसे पहले बाढ़ में काशा गुज्जर फंसा और उसके साथ आए मिर्जा, काका, बाज दीन भी पानी में फंस गए। दरिया के बीच में बने एक टापू पर इन लोगों ने शरण ली। पहले घर के सदस्यों ने ही इन्हें बचाने का प्रयास किया। लेकिन वह भी इसमें फंस गए।

नौशेरा में सूमो पानी में फंसी
जम्मू। राजोरी से नौशेरा जा रही एक टाटा सूमो अचानक रास्ते के एक नाले में फंस गई। नाले के पानी का बहाव इतना तेज था कि सूमो पलट गई। आसपास के लोगों ने सूमो में सवार चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। नौशेेरा के इसी क्षे़त्र से एक व्यक्ति को भी एयर फोर्स के हेलीकाप्टर ने सुरक्षित बाहर निकाला।

बरसात से 50 सड़क मार्गों का संपर्क टूटा
जम्मू। बरसात के कारण पुंछ, राजोरी, डोडा, किश्तवाड, रामबन के दूर दराज पहाड़ी क्षेत्रों के मार्गें का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गए। दर्जनों गांव संपर्क मार्ग टूटने से प्रभावित हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने मार्ग खोलने का काम शुरू कर दिया है और मुख्य मार्ग से जोड़ने का प्रयास जारी है।

जम्मू श्रीनगर हाईवे खुलने के बाद फिर बंद

जम्मू। रामबन के नजदीक पस्सियां गिरने से जम्मू श्रीनगर हाईवे तीसरे दिन भी बंद रहा। हाईवे हालांकि कुछ देर के लिए खुला और कुछ गाड़ियों की आवाजाही भी हुई। लेकिन डिगडोल क्षेत्र में पस्सियां गिरने से मार्ग दोबारा बंद हो गया। जोनल ट्रैफिक हेडक्वार्टर के अनुसार रास्ते से पस्सियां हटाने का काम जोरों पर है। सीमा सड़क संगठन लगातार हाईवे खोलने में जुटा है। जवाहर टन्नल और उधमपुर के जखेनी चैक पर खा़द्य सामग्री व अन्य जरूरी वस्तुएं लेकर घाटी जाने वाले हजारों ट्रक फंस गए।

शहर में जलभराव की स्थिति रही
जम्मू। बारिश से त्रिकुटा नगर, आंबेडकर नगर, गंग्याल ग्रेटर कैलाश, रूप नगर, कालिका कालोनी, नानक नगर, शास्त्री नगर और संजय नगर में जलभराव की स्थिति रही है। त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन और आंबेडकर नगर में दो से तीन फुट तक पानी घरों में घुस गया। पंपों से पानी की निकासी की गई है। एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर मदद की।

खंबें गिरने से शहर के कई क्षे़त्रों में बिजली गुल
जम्मू। बारिश से आधे से ज्यादा शहर में बिजली प्रभावित रही। 33केवी लाइन के खंभे गिरने से गंगयाल, शास्त्री नगर, त्रिकुटा नगर, सैनिक कालोनी और अन्य इलाकों में सुबह सात बजे गई बिजली देर शाम तक बहाल नहीं हो पाई थी। बिजली जाने से पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित रही।

तवी खतरे से के निशान से दो फुट नीचे
मंगलवार से जारी बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है। तवी नदी में पिछले साल अधिकतम जलस्तर 5 फुट थाए जो बुधवार बढ़कर 8 फुट पहुंच गया है। 10 फुट को खतरे का निशान माना जाता है। चिनाब नदी में पानी का स्तर 27 फुट है। बीते वर्ष अधिकतम जलस्तर 30 फुट और वर्ष 2014 में चिनाब का जलस्तर 52 फुट चला गया था।

चीफ इंजीनियर ने कहा पुलों और सड़कों का हुआ नुकसान

जम्मू। सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर अशोक कुमार किकलू ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ से सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है। संभाग भर से नुकसान की सूचना मिल रही है। जिला स्तर पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों से नुकसान की रिपोर्ट तलब की गई है। एक से दो दिनों में पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी। उनका कहना है कि जम्मू जिले में जीवन नगर को धड़प क्षेत्र से जोड़ने वाले पुल का हिस्सा बह गया है। उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया है। मौसम साफ होने पर सड़कों व पुलों को पहुंची क्षति की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर किया जाएगा।

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