लखनऊ: कोरोना की नई लहर आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौतियों का दौर फिर शुरु हो गाया है। इसी का परिणाम है कि शहर के सभी सरकारी अस्पताल मरीजों से फुल हो गए हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने की संभावना है।
खाली नहीं हैं एक भी बेड
लखनऊ के कई बड़े सरकारी अस्पताल इन दिनों कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं। कोई भी खाली नहीं है, ऐसे में नए मरीजों का भर्ती करना बड़ी चुनौती होने वाली है। शहर के लोहिया, केजीएमयू, लोक बंधु जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में सभी बेड फुल हो गए हैं।
इसके साथ ही वेंटिलेटर की कमी भी कई जगहों पर देखने को मिल रही है। संक्रमित लोगों में जिनकी हालत ज्यादा खराब होती हैं, उन्हें ही वेंटीलेटर पर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त इन दिनों 60 फीसदी मरीजों को घर पर ही आइसोलेट किया जा रहा है।
एक दिन में आए 4000 से अधिक मामले
उत्तर प्रदेश में रविवार को कुल 4164 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं, 31 लोगों की वायरस से मौत हुई है। राजधानी लखनऊ में ही 1129 नए मरीज आने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। आम नागरिकों से लगातार मास्क और उचित दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है।
वैक्सीनेशन का चौथा चरण जारी है, सभी पात्र लोगों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया है। फोकस टेस्टिंग और फोकस वैक्सीनेशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं स्वास्थ विभाग के द्वारा भी संक्रमित मरीजों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए कई तरह की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा जल्द ही नियंत्रण में लाने के लिए आमजन को भी आगे आना होगा।