नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की मांग की थी। जिसके बाद किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई बैठकों में किसानों के ट्रैक्टर मार्च को अनुमति मिल गई थी। जिसके बाद बीते कल यानि गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च किया, लेकिन ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा हो गई। जिसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इससके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को भी हानि पहुंचाई। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली बवाल को लेकर कड़ा फैसला दिया है। हिंसा के बाद दिल्ली में सीआरपीएफ की 10 कंपनियां तैनात होंगी। जिसमें 1500 जवानों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली इंडिया गेट इलाके को पूरी तरह सील किया गया। इसी बीच दिल्ली पुलिस 31 जनवरी तक दिल्ली में लाॅकडाउन लगाने के आदेश दिए है।
ट्रैक्टर मार्च में प्रदर्शनकारियों ने की हिंसा-
बता दें कि देश में बीते दो महीने से कृषि काूननों के विरोध में दिल्ली बाॅर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। किसान कृषि कानून वापसी की मांगो को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। जिसके चलते सरकार और किसानों के बीच 11दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन किसी में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। जिसके चलते किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था। दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर मार्च को लेकर कई दौर की वार्ता हुई और ट्रैक्टर मार्च को लेकर सहमति बन गई। जैसा ही कल किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हुआ। ठीक उसके कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों के जत्थे ने लाल किले पर धावा बोल दिया और वहां पर खालसा पंथ का झंडा निशान साहिब लहरा दिया। प्रदर्शनकारी यहीं नहीं रूके। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। इस हिंसा में 86 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए है। इसके साथ ही दिल्ली में 1500 जवानों को तैनात किया जाएगा।
दिल्ली इंडिया गेट इलाके को पूरी तरह किया गया सील-
वहीं हिंसा के बाद दिल्ली में 15 कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद दिल्ली इंडिया गेट इलाके को पूरी तरह सील किया गया। वहीं नोएडा, गाज़ियाबाद में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। इसके साथ ही हिंसा के बाद उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। जिसके चलते पैरामिलिट्री फोर्स के पंद्रह सौ जवान सड़कों पर उतरेंगे।