नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की मांग की थी। जिसके बाद किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई बैठकों में किसानों के ट्रैक्टर मार्च को अनुमति मिल गई थी। जिसके बाद बीते कल यानि गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च किया, लेकिन ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा हो गई। जिसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इससके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को भी हानि पहुंचाई। जिसके बाद मिली जानकारी के मुताबिक अलग-अलग जिलों में कुल 22 FIR दर्ज किए गए हैं। ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईर दर्ज हुए हैं जबकि नजफगढ़, हरिदास नगर, उत्तम नगर में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रदर्शन में 86 पुलिसकर्मी घायल-
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में हुए ट्रैक्टर मार्च किसानों द्वारा शांतिपूर्वक निकालने का ऐलान किया गया था। लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला था। ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान उन्होंने सरकारी संपत्ति को भी हानि पहुंचाई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आठ बसों और 17 प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है। इस प्रदर्शन में 86 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस बवाल में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना। पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट और हथियारों की लूट जैसे मामलों में केस दर्ज किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बसों और गाड़ियों को जमकर तोड़ा और लाल किला पहुंच गए। इस दौरान लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा निशान साहिब लहरा दिया।
हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया-
पुलिस के मुताबिक उपद्रवियों ने 8 बस, 17 पब्लिक व्हिकल, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा लोहे के बेरीकेड्स तोड़ डाले हैं। ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया। यह मोर्चा 41 किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों के साथ सहमति बनी थी कि ट्रैक्टर मार्च दिल्ली की ओर कूच नहीं करेगा। इसके अलावा कई अन्य शर्तों पुलिस और किसानों के बीच समहति बनी थी।
हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा जारी किया बयान-
इसके साथ ही हिंसा की खबरों के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड को रोक दिया और इसमें शामिल लोगों से तुरंत अपने विरोध स्थलों पर वापस जाने की अपील की। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमने किसानों के गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से रोक कर दिया है और सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे तुरंत अपने संबंधित विरोध स्थलों पर वापस लौट जाएं। इसके बाद किसाना मोर्चा ने खुद को हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों से अलग कर लिया।