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Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत आज! जानें लाभ, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम

WhatsApp Image 2021 01 26 at 2.12.56 AM Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत आज! जानें लाभ, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम

प्रदोष व्रत। प्रदोष प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है। इस असर को जानकर ही कोई कार्य किया जाए तो चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तिथि और वार का निर्धारण सैंकड़ों वर्षों की खोज और अनुभव के आधार पर किया गया है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहारों को बनाया गया। जन्मदिन का सही समय या तारीख तिथि ही है।

 

एकादशी और प्रदोष तिथि क्या है-

ग्यारह अर्थात ग्यारह तिथि को एकादशी और तेरस या त्रयोदशी तिथि को प्रदोष कहा जाता है। प्रत्येक शुक्ल और कृष्ण पक्ष में यह दोनों ही तिथियां दो बार आती है। हिन्दू धर्म में एकादशी को विष्णु से तो प्रदोष को शिव से जोड़ा गया है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। आपका ईष्‍ट कोई भी आप यह दोनों ही व्रत रख सकते हैं। जरूरी नहीं है कि प्रदोष रखते वक्त शिव की ही उपासना करें।

 

किस दिन कहां वास करते हैं शिव-

जब सोमवार की प्रदोष पड़ती है तो शंकर भगवान कैलाश पर निवास करते है। मंगलवार की प्रदोष पड़ती है तो शिव काशी में निवास करते हैं। बुद्धवार की प्रदोष पड़ती है तो शिव रतज भवन में निवास करते हैं। गुरुवार की प्रदोष पड़ती है तो गंगा में निवास करते हैं। शुक्रवार की प्रदोष पड़ती है तो शिव नीलकंठ पर विराजमान होते हैं। शनिवार की प्रदोष पड़ती है तो शमि के वृक्ष के नीचे रहते हैं और रविवार की जब प्रदोष पड़ती है तो शिव बेलपत्र के पेड़ के नीचे निवास करते है। अत यह एकादशी संक्रश कह रही है कि आपका स्थान यह नहीं कि आप कैलाश पर्वत पर मिलें बल्कि उस वार को एस तिथि को यानी वार के अनुसार।

कौन-सी प्रदोष से क्या लाभ होता है-

सोमवार की प्रदोषपृति इक्छा पूर्ति करती है। मंगलवार की प्रदोषपृति रोग से मुक्ति देती है।   की प्रदोष कामना की पूर्ति करती है। गुरुवार की प्रदोष शत्रुओं का नाश करती है। शुक्रवार की प्रदोष सुख और शान्ति देती है। शनिवार की प्रदोष संतान का सुख देती है और अचूक फल की प्राप्ति रविवार की प्रदोष करती है।

 

प्रदोष व्रत के नियम-

1. प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए।
2. नहाकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
3. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है।
4. गुस्सा या विवाद से बचकर रहना चाहिए।
5. प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
6. इस दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले नहाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
7. प्रदोष व्रत की पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए।

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