दुनिया भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच हॉन्ग-कॉन्ग के वैज्ञानिकों ने कहा है कि नए वैरिएंट से बचने के लिए दो मास्क पहनना जरूरी है। ये सलाह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो आए दिन कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि डबल मास्क लगाने से हमें कोरोना के खिलाफ 91% तक सुरक्षा मिल सकती है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट यूएन क्वोक-युंग कहते हैं कि जो लोग पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें दो मास्क पहने रहना चाहिए। इनके अलावा, वैक्सीन न लगवाने वाले लोग, डॉक्टर्स और एयरपोर्ट वर्कर्स को भी संक्रमण का रिस्क ज्यादा होता है। इन्हें भी डबल मास्किंग फॉलो करनी चाहिए।
चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग-कॉन्ग के प्रोफेसर डेविड हुइ के मुताबिक, मास्क लगाने पर मुंह के दोनों तरफ गैप बनने से या मास्क के ढीले होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कंटेनमेंट जोन, अस्पतालों या भीड़-भाड़ वाले इलाकों में दो मास्क पहनने चाहिए।
मोटे तौर पर मास्क 3 तरह के होते हैं- सर्जिकल मास्क, N95 मास्क और कपड़ों से बने मास्क। N95 मास्क को कोरोना वायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क माना जाता है। यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बारीक कणों व बूंदों को भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है। यह हवा में मौजूद 95% कणों को रोकने में सक्षम है।
अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, हमें सर्जिकल मास्क के ऊपर क्लॉथ मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। इसका कारण- कपड़े का मास्क पहनने पर सर्जिकल मास्क के कोने पूरी तरह टाइट हो जाते हैं।
इसके अलावा, ध्यान रखें कि दो सर्जिकल मास्क एक साथ पहनना बेकार हैं, क्योंकि ऐसा करने पर भी गैप बरकरार रहता है। CDC के मुताबिक, अगर N95 मास्क पहन रहे हैं, तो इसके साथ कोई दूसरा मास्क पहनने की जरूरत नहीं होती है। ये मास्क पूरी तरह टाइट होता है और अकेले ही कोरोना के खिलाफ सुरक्षा देता है।
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