चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में बिजली मंत्री रहे कांग्रेस नेता राणा गुरजीत सिंह के कारण एक बार फिर पंजाब की कांग्रेस सरकार की मुसीबतों में इजाफा हो सकता है। गुरजीत सिंह के भांजे राणा हरदीप सिंह और जीजा राणा महिंद्र सिंह के ऊपर दो लाख करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मिल्ख गांव में गुरचरण सिंह के साथ जमीन खरीद का सौदा किया है। अब यहां सवाल ये उठता है कि राणा एक के बाद एक केस में कैसे घिरते जा रहे हैं क्योंकि सरकार के ग्यारह महीने के कार्यकाल में उनपर ये भ्रष्टाचारा का चौथा आरोप है। इससे पहले खनन मामले के चलते उन्हें बिजली मंत्री का पद गवाना पड़ा था।
गौरतलब है कि राणा गुरजीत सिंह पंजाब में कैप्टन का बांया हाथ माने जाते हैं और पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनाने में उनकी अहम भूमिका है। वहीं अब जब उनके बांया हाथ ही कट जाएगा तो फिर सीएम किस मुंह से साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता के बीच में जाएंगे क्योंकि जिस अकाली-भाजपा सरकार को उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे से बेदखल किया था अब वही भ्रष्टाचार उनके गले की फांस बनता जा रहा है। आपको बता दें कि खनन भ्रष्टाचार के चलते न चाहते हुए भी कैप्टन को राहुल गांधी की नसीहत पर राणा से बिजली मंत्री के पद से इस्तीफा लेना पड़ा था। हालांकि, गुरजीत ने इस्तीफा पहले ही दे दिया था, लेकिन सीएम ने उस इस्तीफा को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सलहा-मशवरा करने के बाद ही स्वीकार किया था।