भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। आपको बता दें स्वामी प्रसाद मौर्य पर गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद भी न्यायालय में पेश ना होने पर एमपीएमएलए कोर्ट के दंडाधिकारी योगेश यादव ने बुधवार को गिरफ्तारी कर पेश करने का आदेश जारी कर दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य पर क्या है आरोप
आपको बता दें सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दायर याचिका ने कहा है कि एक समाचार पत्र में छपा है कि बसपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा एक शादी समारोह में देवी देवताओं की पूजा ना करें ऐसा कहा है। जिसने हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
2014 का है ये मामला
2014 में मजिस्ट्रेट ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 295 क के तहत उन्हें तलब करते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर की। जिसे 9 नवंबर 2015 को निरस्त कर दिया गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। और 12 जनवरी 2016 में इस पर स्थगनादेश जारी हो गया।