लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश की योगी सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध किया है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध करते हुए कर्मचारी महासंघ ने कहा कि कोरोना की महामारी जगजाहिर है।
यूपी में खासकर लखनऊ में कोरोना के पेशेंट लगातार सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार से कर्मचारी महासंघ अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना के कारण अगर नगर निगम और अन्य आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी संक्रमित हो जाते हैं तो उनका उचित इलाज करवाया जाए।
कर्मचारियों को मिले बेहतर इलाज
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया कि इस समय कोरोना का भीषण काल चल रहा है। ऐसे में अगर कोरोना से संक्रमित कर्मचारी का परिवार भी संक्रमित हो जाता है तो उसके लिए बेड को आरक्षित करके इलाज की व्यवस्था की जाए।
कर्मचारियों की जान को है खतरा
कर्मचारी महासंघ ने पत्र के माध्यम से सरकार और जिला प्रशासन से कहा कि कोरोना काल में दिन रात कर्मचारी जनता को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों को जान का खतरा बना हुआ है। अभी हाल ही में नगर निगम के ही कुछ कर्मचारी कोरोना से संक्रमित होकर काल के गाल में समा गए हैं।
जिला प्रशासन से भी की अपील
कर्मचारी महासंघ ने सभी संगठनों से भी अनुरोध किया कि वो तत्काल इस व्यवस्था पर विचार करें, क्योंकि इस समय कोरोना काल में बड़ी संख्या में सफाई कर्मी कोरोना से पीड़ित हो रहे हैं। कोरोना के कारण फ्रंट लाइन वर्कर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
मांगें नहीं मानी गईं तो ये करेंगे कर्मचारी
उ प्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने कहा कि सरकार ने अगर हमारी मांगों को नहीं माना तो स्थानीय निकाय कर्मचारी फिलहाल मरने के लिए काम करने के लिए बाध्य नहीं होंगे और उन्हें काम छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। और इसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी।
कर्मचारी महासंघ ने पत्र में लिखा कि कर्मचारी कोरोना के कारण सुबह से ही परेशान हो जाते हैं। कर्मचारी नगर निगम की सेवाओं के कारण ही पीड़ित हो रहे हैं। इससे कई कर्मचारियों और उनके परिजनों की भी मौत हो गई है।