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बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म की जांच में तेजी लाए सीबीआई: सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म की जांच में तेजी लाए सीबीआई: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि वह बुलंदशहर हाईवे सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच जारी रखे और इसका शीघ्र निपटारा करे। न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति सी.नागप्पपन की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के निर्देश पर सीबीआई पहले ही मामले की जांच कर रही है, जिसके बाद पीठ ने सीबीआई से मामले की जांच जारी रखने को कहा।

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उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को अपने आदेश में मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था। उच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन करते हुए पीठ ने जांच पर रोक के 29 अगस्त के फैसले को वापस ले लिया। नाबालिग पीड़िता के पिता द्वारा उत्तर प्रदेश से बाहर के किसी एजेंसी को जांच सौंपने की मांग को लेकर एक याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को अपने फैसले में जांच पर रोक लगा दी थी।

नाबालिग पीड़िता के पिता की याचिका पर न्यायालय ने 29 अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार को एक नोटिस जारी किया। इससे पहले हुई सुनवाई में पीठ को सूचित कर दिया गया था कि उच्च न्यायालय ने मामले को पहले ही राज्य पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया है। पीठ ने कहा कि 27 सितंबर को मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर करने को लेकर फैसला लिया जाएगा।न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “27 सितंबर को यह तय होगा कि मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर की जाए या नहीं।”

सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आजम खान के खिलाफ भी एक नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने कहा कि यह बात समझ में आती है कि अपने खिलाफ लगे आरोपों को झुठलाने के लिए आरोपी बयान देता है, लेकिन एक व्यक्ति या अधिकारी अपराध पर इस तरह का बयान कैसे दे सकता है। आजम खान ने गैंगरेप की घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया था। मामले की पिछली सुनवाई में न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन को न्यायमित्र नियुक्त किया था।

उल्लेखनीय है कि नाबालिग लड़की तथा उसकी मां से 29 जुलाई को बुलंदशहर हाईवे पर कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। लड़की के पिता ने न्यायालय से कहा कि परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में बच्ची के साथ पांच घंटे तक क्रूरता हुई और जब पुलिस को सूचना दी गई, तो उसने 25 मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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