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मंत्रिमंडल ने युवा मामलों में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

पीएम .... मंत्रिमंडल ने युवा मामलों में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

भारतीय मंत्रि मंडल ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में युवा मामलों में सहयोग को प्रोत्साहन देने के संबंध में भारत और ताजिकिस्तान के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर दोनों को मंजूरी दी है।युवा मामलों में सहयोग को प्रोत्साहन देने के संबंध में भारत और ताजिकिस्तान के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर दोनों देशों ने 8 अक्टूबर, 2018 को दुशाम्बे में हस्ताक्षर किए थे। युवा मामलों एवं खेल, भारत सरकार के लिए ताजिकिस्तान में भारत के राजदूत सोमनाथ घोष और ताजिकिस्तान गणराज्य के युवा एवं खेल मामलों की समिति के अध्यक्ष अब्दुल्लोजोदा अहतम रुस्तम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

 

पीएम .... मंत्रिमंडल ने युवा मामलों में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री – नरेंद्र मोदी

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बता दें कि यह समझौता-ज्ञापन 5 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा। युवा मामलों में सहयोग के क्षेत्रों में युवाओं, युवा संगठनों के प्रतिनिधियों और युवा नीति निर्माण मे संलग्न सरकारी अधिकारियों के आदान-प्रदान सहित दोनों देशों में युवा मामलों पर आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठियों के लिए निमंत्रण, मुद्रित सामग्रियों, फिल्मों, अनुभवों, युवा मामलों पर शोध एवं अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान, युवा कैम्पों, युवा उत्सवों और दोनों देशों में आयोजित होने वाले अन्य युवा कार्यक्रम शामिल हैं।

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गौरतलब है कि दोनों देशों के नियमों के अनुरूप संयुक्त रूप से स्वीकृत युवा मामलों पर सहयोगी गतिविधियां भी इसके दायरे में रखी गई हैं।समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य ताजिकिस्तान के साथ युवा मामलों पर सहयोग को प्रोत्साहित करना और उसे मजबूत बनाना है। इसके लिए दोनों पक्षों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों में हिस्सा लेना, सूचना और जानकारी को साझा करना तथा युवाओं का आदान-प्रदान करना भी शामिल किया गया है।

समझौते से होने वाले लाभ-

समझौते से युवा मामलों के क्षेत्र में आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिए सुविधा होगी। जिससे युवाओं में विचारों, मूल्यों और संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी। भारत और ताजिकिस्तान के बीच दोस्ताना रिश्ते मजबूत होंगे। दोनों देशों के बीच इस तरह के द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रमों से जो लाभ होंगे। उनसे जाति, धर्म और लिंग से अलवा सभी युवाओं को समान रूप से लाभ मिलेगा।

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