निर्मल उप्रेती, संवाददाता
प्रदेश सरकार शिक्षा व रोजगार को लेकर तमाम दावे तो करती है। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। इसका जीता जागता उदाहरण है अल्मोड़ा के लोधिया में बन रहा फूड क्रॉफ्ट इंस्टीट्यूट।
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जनप्रतिनिधियों व सरकार की उदासीनता के कारण लंबे समय बाद भी एफसीआई का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिससे उत्तराखण्ड के युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पर्यटन व होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के साथ ही युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से साल 2009 में भारत सरकार ने अल्मोड़ा में फूड एंड क्रॉफ्ट इंस्टीट्यूट को स्वीकृति दी थी। पर्यटन विभाग द्वारा लोधिया में इसके लिए जमीन भी चयनित कर ली गई और केंद्र से बजट आवंटित होने के बाद साल 2013 में इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया। जो कि 2015 में पूरा होना था। लेकिन हैरत की बात यह है कि 9 साल बीत जाने के बाद भी अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका।
कांग्रेस सरकार के समय में 2009 में जब एफसीआई को स्वीकृति मिली थी तब इसका आगणन 9 करोड़ 1 लाख रूपये का तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। निर्माण कार्य में देरी होने के चलते बाद में इसे बढ़ाकर 11 करोड़ 31 लाख कर दिया गया। जिसकी 60 फीसदी धनराशि केंद्र व 40 फीसदी धनराशि राज्य सरकार से अवमुक्त होनी थी।
लेकिन एफसीआई के संचालन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है । इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डेढ़ करोड़ की धनराशि अभी भी अवमुक्त नहीं हो पाई है। बजट की कमी के चलते सड़क निर्माण, बाउंड्री वॉल व उपकरणों की खरीदारी समेत कई कार्य रूके हुए है।
हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि एफसीआई में 80 फीसदी कार्य हो चुका है। बाकि शेष कार्य जल्द पूरा कर अगले सत्र से कक्षाएं शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है।
चुनावी वर्ष होने के चलते एफसीआई को लेकर भाजपा-कांग्रेस भी एक दूसरे पर जमकर हमलावर है। एक ओर जहां भाजपा जल्द से फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का निर्माण कार्य पूरा कर उसे अपनी सफलता दिखाने के प्रयास में जुटी हुई है वही, कांग्रेस इसे सरकार की नाकामी बताते हुए आगामी चुनाव में इसे मुद्दा बनाना चाहती है।
कांग्रेस का आरोप है कि शिक्षा व स्वास्थ्य को बेहतर करने को लेकर कांग्रेस सरकार के समय में जितनी भी नई संस्थाएं खोलने का प्रयास किया गया था भाजपा सरकार आने के बाद से उन पर काम नहीं हुआ।
एफवीओकृ फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के निर्माण के बाद यह ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। यह संस्थान बनने के बाद होटल, पर्यटन व उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही युवा यहां से प्रशिक्षण लेकर देश-विदेश में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अब देखना होगा की सरकार एफसीआई का निर्माण कार्य पूरा करने के साथ ही नये सत्र से इस यहां कक्षाएं संचालित कर पाती है या नहीं।