नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 44वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के चारों ओर अड़े हुए है। कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा आए दिन अलग-अलग तरीके से किसान आंदोलन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके चलते आज फिर सरकार और किसान संगठनों के बीच 8वें दौर की वार्ता होनी है। जिसके चलते किसान नेता बस से विज्ञान भवन की तरफ रवाना हो गए हैं। इसी बीच गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह से मुलाकात की थी। इस दौरान बाबा लक्खा सिंह ने किसानों के आंदोलन का मुद्दा कृषि मंत्री के सामने उठाया। साथ ही दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवाने की पेशकश की।
कृषि का मसला राज्य का ही मामला है- बाबा लक्खा सिंह
बता दें कि कृषि कानूनों के मसले पर किसानों का आंदोलन पिछले सवा महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा है। शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच एक और दौर की बातचीत होनी है। किसानों का कहना है कि वो कानून वापस होने तक नहीं हटेंगे। पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में कई नानकसर गुरुद्वारे हैं। सभी गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटी के प्रमुख बाबा लक्खा सिंह ही हैं। बाबा लक्खा सिंह ने सरकार से कहा है कि वो दोनों पक्षों में समझौता करवाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, केंद्र सरकार को कृषि कानून लागू करने की ताकत राज्य सरकारों के हाथ में देनी चाहिए। कृषि का मसला राज्य का ही मामला है। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस दौरान साफ किया कि सरकार किसानों की अधिकतर मांगें मान चुकी है और अन्य मांगों को भी मानने को तैयार है। लेकिन सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी, अगर सरकार ने अपनी ओर से कुछ कदम उठाए हैं तो किसानों को भी ऐसा ही करना चाहिए।