कोरोना वैक्सीन: प्रधानमंत्री मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी, बांग्लादेश जाएगी पहले खेप

नई दिल्ली। भारत में नए साल का आगाज होते ही कई नई आयम भी स्थापित हो गए। भारत ने एक नहीं बल्कि दो दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। कोरोना महामारी से जारी वैश्विक जंग से निपटने के लिए भारत की अहम भूमिका होने जा रही है। पैरासीटामोल और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विनं एचसीक्यू दवा की तरह दुनिया के कई देश अब भारत से कोरोना वैक्सीन लेने की उम्मीद कर रहे हैं। मोदी सरकार ने शुरुआत से पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी के तहत अब इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप केंद्र सरकार की निगरानी में बांग्लादेश भेजी जाएगी। कई देशों ने तो सरकारी स्तर पर भारत सरकार से संपर्क भी साधना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि भारत में वैक्सीन लगने की औपचारिक शुरुआत के महिने के भीतर ही भारत सरकार वैक्सीन निर्यात की इजाजत दे सकती है। फिलहाल, यह निर्यात सरकारी स्तर पर होगा। भारत सरकार के कहने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां तय मात्रा में दूसरे देशों को वैक्सीन की आपूर्ति करेंगी। कोरोना से जंग में भारत की तरफ से 50 से अधिक देशों को पैरासीटामोल, एचसीक्यू व अन्य दवाइयों की आपूर्ति की गई। वैक्सीन आपूर्ति के मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की तरफ से दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने की बात कह चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही पड़ोसी देशों के साथ संपर्क साधकर उन्हें यह भरोसा दिलाया था कि भारतीय वैक्सीन वैश्विक मापदंडों पर खरी है और पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही यह पश्चिमी देशों की अनेक कंपनियों की वैक्सीन की तुलना में सस्ती भी है।
विदेशों में भारतीय वैक्सीन का इंतजार-
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय सूत्रों के मुताबिकए ब्राजील व मैक्सिको जैसे देशों से भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन को लेकर पूछताछ की गई है। कई अन्य देश भारत में औपचारिक तौर पर वैक्सीन लगने की शुरुआत का इंतजार कर रहे हैं। बांग्लादेश पहले से ही भारतीय वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। कोरोना वैक्सीन को लेकर पाकिस्तान भी भारतीय फार्मा जगत से संपर्क की कोशिश में हैं।