मोदीनगर। सूबे में योगी सरकार के 6 महीने के कार्यकाल में पुलिस प्रशासन को लेकर सबसे बड़ी कार्रवाई मोदीनगर थाना क्षेत्र में देखने को मिली हैं। दिल्ली एनसीआर से जुड़े जनपद गादियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र में उमेश पार्क कॉलोनी निवासी 13 वर्षिय नाबालिक छात्रा का अपहरण फिर बलात्कार कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मोदीनगर थाना पुलिस द्वारा 5 आरोपीयों को लगभग 7 लाख रुपए रिश्वत लेकर छोड दिया गया था। इस मामले में पुलिस की लापरवाही को देखते हुए सरकार ने अपना गंभीर रूप धारण किया है। इस मामले में सूबे उत्तर प्रदेश में ADG प्रशांत कुमार मेरठ जोन ने पुलिस के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज करते हुए सबसे तगड़ी कर्रवाई की है। ADG प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कर्रवाई करते हुए 132 पुलिसकर्मीयों को लाइन हाजिर कर दिया है। एडीजी प्रशांत कुमार ने मीड़ियाई पूछताछ में बताया कि बुधवार 20 सितंबर से नया पुलिस स्टाफ नियुक्त कर दिया जाएगा।

ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि उमेश पार्क कॉलोनी निवासी 13 वर्षिय नाबालिक छात्रा पूनम (पिंकी) का 4 सितंबर को 5 आरोपीयों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। परिजनों को इस घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने 5 सितंबर को मोदीनगर थाने में पडोसी व मुख्य आरोपी हरीओम के खिलाफ अपहरण की FIR दर्ज कराई थी। एडीजी ने बताया कि मोदीनगर थाने के लापरवाह पुलिस कर्मीयों द्वारा इस मामले में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, बल्कि पीड़ित परिजनों पर उल्टा लाठी चार्ज कर दिया था। मोदीनगर थाने के पूर्व SHO संजय वर्मा को जब आत्मदाह की चेतावनी दी गई तब जाकर संजय वर्मा ने मुख्य आरोपी हरीओम सहित 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद भी मोदीनगर थाने के लालची पुलिस कर्मीयों ने हरीओम को हिरासत में लिया और जानकारी के मुताबिक कुछ रिश्वत लेकर उसे थोड़ी ही देर बाद रिहा कर दिया गया था। साथ ही इस वारदात को थंड़े बस्ते में ड़ाल दिया गया था।
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक मिली जानकारी में पता चला है कि 14 सितंबर को मुख्य आरोपी हरीओम के खिलाफ दुबारा सख्त कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद हरीओम की निशानदेही पर पुलिस ने भोजपुर थाना क्षेत्र में छानबीन की गई तो जबलपुर गांव के जंगलो में से छात्रा का कटा व सडा गला हुआ शव बरामद किया था। उसके बाद हरीओम सहित कपिल, धर्मेंद्र, हरीश, तथा उसके पिता सुभाष को गिरफ्तार करके इनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस घटना से मोदीनगर स्थानिय निवासी काफी खफा दिखाई दे रहे हैं, ओर लोगों का काफी मुशकिलों के साथ गुस्सा शांत कराया गया है। ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि स्थानिय लोगों ने मेरे से मुलाकात करके पुलिस की कर्यप्रणाली पर काभी गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं। इस मामले में अब ADG प्रशांत कुमार ने 132 पुलिस कर्मीयों के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया है।