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NIA ने व्हाट्सएप चैट से सुलझाई, पुलवामा आतंकी हमले की गुत्थी

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पुलवामा आतंकी हमले की गुत्थी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सुलझा ली हैं। मंगलवार को इस केस में NIA की तरफ से चार्जशीट दाखिल कर दी गई। जांच में मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर फारूक, पाकिस्तानी आतंकवादी कामरान अली और कारी यासिर जैसे आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। 29 मार्च, 2019 को हमले में शामिल एक महत्वपूर्ण आतंकी फारूक की एनकाउंटर के बाद मौत हो गई लेकिन उसका मोबाइल फोन कई महीनों तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास पड़ा रहा।

NIA को जांच में मोबाइल फोन के जरिये गुत्थी सुलझाने में मदद मिली। NIA के लिए मोबाइल फोन जांच में एक वरदान के रूप में साबित हुआ। यही एक ऐसा जरिया था जिसके जरिये जांच को आगे बढ़ाया गया। आतंकी फारुक के मोबाइल फोन से कई फोटो, वीडियो और बातचीत के रिकॉर्ड जांच एजेंसी को हाथ लगे। इन सभी तथ्यों के आधार पर NIA ने अपनी जांच को शुरू किया। एक अधिकारी के मुताबिक मोबाइल में आतंकी के पाकिस्तान से भारत तक यात्रा की कई तस्वीरों के साथ-साथ उसके गुर्गों और बम बनाने की प्रक्रिया की भी तस्वीर शामिल थीं।

व्हाट्सएप चैट से हुआ खुलासा

जांच के दौरान जैश-ए-मोहम्मद आकाओं के साथ उसकी व्हाट्सएप पर हुई बातचीत, मुख्य रूप से उसके चाचा अब्दुल रउफ असगर, पाकिस्तान में अम्मार अल्वी और घाटी से अन्य ऑपरेटिव से चैट की जानकारी मिली। जल्द ही, इंस्पेक्टर जनरल अनिल शुक्ला, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सोनिया नारंग और पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल के नेतृत्व में जांच दल को फारूक के फोन में एक कश्मीरी युवक शाकिर बशीर मगरे की तस्वीर मिली, जिसकी पहचान पुलवामा के काकापोरा के निवासी के रूप में की गई।

आतंकी शाकिर बशीर को किया था गिरफ्तार

शाकिर बशीर मगरे, विस्फोट स्थल के पास चीरघर चलाता था, जहां से उसने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले की जानकारी ली थी। इस मामले में उसे 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद पाया गया कि उसके घर का इस्तेमाल विस्फोटकों को स्टॉक करने और बम बनाने के लिए किया गया था। उसी बम का इस्तेमाल सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने और 40 सुरक्षाकर्मियों को मारने के लिए किया गया था।

चैट के जरिये हुआ नापाक इरादों का खुलासा

एनआईए को चैट से पता चला कि हमले के बाद जब भारतीय और पाकिस्तानी फाइटर जेट डॉगफाइट में लगे हुए थे तब फारुक यह चर्चा कर रहा था कि दोनों देशों के बीच युद्ध होना चाहिए क्योंकि यह सैकड़ों लोगों को मौका देगा जैश के लड़ाके को भारत में घुसपैठ करने के लिए।

दूसरे हमले की थी तैयारी

एनआईए ने उन बातचीत को भी खोज निकाला, जिसके जरिये साबित हुआ कि पाकिस्तान में बैठकर फारूक के चाचा ने उसे पुलवामा के बाद दूसरे हमले की तैयारी के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन पाकिस्तान पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते जैश को अपना प्लान को रद्द करना पड़ा।

दो बैंक खाते को मिली जानकारी

NIA को पाकिस्तान के एलाइड बैंक लिमिटेड और मीजान बैंक में फारूक के दो बैंक खाते मिले। जिसमें पुलवामा हमले के लिए पैसा जमा किया गया था। फारूक के फोन से बरामद फोटो, वीडियो और चैट ने एनआईए को पाकिस्तान की आतंकी साजिश की कड़ी को जोड़ने में मदद की।

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