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गंभीर बीमारियों से जूझते लोग चाहकर भी नहीं करा सकेंगे सर्जरी, जनिए कोरोड़ो लोगों की जिंदगी कैसे बनी मौत से बत्तर..

बीमारी 1 गंभीर बीमारियों से जूझते लोग चाहकर भी नहीं करा सकेंगे सर्जरी, जनिए कोरोड़ो लोगों की जिंदगी कैसे बनी मौत से बत्तर..

महामारी कोरोना अभी तक जिंदा लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई थी। लोग बीमारी से बचने के लिए लोग हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

बीमारी 2 गंभीर बीमारियों से जूझते लोग चाहकर भी नहीं करा सकेंगे सर्जरी, जनिए कोरोड़ो लोगों की जिंदगी कैसे बनी मौत से बत्तर..
लेकिन क्या आप जानते हैं, कोरोना ने गंभीर बामीरी से जूझते लोगों की जिंदगी और भी ज्यादा बत्तर बना दी है। हालात है ये हो गये हैं कि करोड़ों लोग चाहकर भी कोई सर्जरी नहीं करा पा रहे हैं। इसका खुलासा एक अध्ययन में हुआ है।

आपको बता दें, दुनिया भर में विभिन्न बीमारियों की वजह से 2.8 करोड़ लोगों की सर्जरी रद्द हो सकती है और मरीजों को अपनी समस्या के समाधान के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

‘कोविडसर्ज कैलबरैटिव’ नाम से 120 देशों पर किए एक गए शोध में कोविड-19 से पड़ने वाले असर का विश्लेषण किया गया।

इसके मुताबिक कोविड-19 की वजह से अस्पतालों में सबसे अधिक उथलपुथल होने से दुनियाभर में 2020 में दो करोड़ 84 लाख सर्जरी या तो रद्द की जा सकती है या उन्हें टाला जा सकता है।

अध्ययन के मुताबिक दुनिया के 71 देशों के 359 अस्पतालो में सर्जरी से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित की गई है और इन चुनिंदा सर्जरी को रद्द करने की योजना का विश्लेषण किया गया।

इस आंकड़ों के आधार पर दुनिया के 190 देशों का आकलन किया गया। शोधकर्ताओं का आकलन है कि कोविड-19 के चरम पर होने पर दुनियाभर में पूर्व निर्धारित करीब 72.3 प्रतिशत सर्जरी रद्द की जा सकती हैं।

इनमें अधिकतर गैर कैंसर सर्जरी होंगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक करीब 12 हफ्तों में सबसे अधिक 63 लाख हड्डी से जुड़ी सर्जरी टाली गई है। अध्ययन का आकलन है कि दुनियाभर में 23 लाख कैंसर से जुड़ी सर्जरी भी या तो रद्द कर दी गई या उसे स्थगित कर दिया गया।

र्बिमंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अनिल भांगू ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस की महामारी के दौरान अधिकतर चुनिंदा सर्जरी को इसलिए टाला गया ताकि मरीजों को कोविड-19 के खतरे से बचाया जा सके।

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लेकिन ऐसा करना उन मरीजों के लिए मुसीबत बनेगा जो इस वक्त गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।आंकड़े सामने आने के बाद काफी लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।

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