अल्मोड़ाः पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की अहम भूमिका रहेगी। यह बात जिला अधिकारी नितिन सिंह भदोरिया ने आज विवकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान प्रयेागात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग मे आयोजित किसान मेले के शुभारम्भ के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा की हमें किसानों को पर्वतीय क्षेत्रों के अनुरूपकृषि यंत्र उपलब्ध कराने के साथ ही जल संग्रहण टपक सिंचाई एंव संरक्षित खेती के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
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जिला अधिकारी ने कहा की हमारे लिए गर्व की बात है कि जनपद में दो बड़े प्रतिष्ठान भारत सरकार के यहां स्थापित है।जिसका लाभ यहां के किसानों को मिल रहा है। डीएम ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का जो संकल्प लिया है उसे साकार करने के लिए हमें किसानो की समस्याओं का समाधान करना होगा।
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वहीं दूसरी और किसानों को भी सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का अधिकाधिक लाभ लेना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या जंगली जानवरों से फसल को नुकसान पहुंचाने की है। उसके लिए जनपद के अनेक क्षेत्रो में सुअररोधी दीवार बनाने के साथ ही अन्य कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानो को बेमौसमी सब्जी उत्पादन के साथ ही हल्दी अदरख की खेती की ओर ध्यान देना होगा। जिलाधिकरी ने इस अवसर पर प्रक्षेत्र का भ्रमण किया।
और अनेक बीजों व कृषि यंत्र के बारे जानकारी प्राप्त की उन्होंने कहा कि विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा नालों के संरक्षण हेतू जो कार्य किये जा रहे हैं। वह सराहनीय व अनुक्रणीय हैं। इसके आलावा नये कृषि यंत्रो का निर्माण यहां की आवश्यकता अनुसार किया जा रहा है। जिससे किसानो को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने इस अवसर पर वहां पर लगी विभिन्न उत्पादों की प्रर्दशनी व विकास का अवलोकन किया।
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गौरतलब है कि संस्थान के न्यूज लैटर पर्वतीय कृषि दर्पण का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया।उन्होंने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए आजिविका, ग्राम्य, कृषि व उद्यान विभाग अपनी भूमिका निभा रहे हैं। जिलाधिकारी ने 7 जिलों से आये किसानों से अपील कि, वे इस मेले से जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेरक की भूमिका निभायेंगे।
इस अवसर पर विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेषक ए.पटनायक ने संस्थान की गतिविधियों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान कृष्कों की समस्याओं के निदान के लिए हमेशा तत्पर रहता है। साथ ही यहां के अनुरूप कृषि सयंत्र व बीजों के बारे में किसानों के साथ समन्वय स्थापित कर उसके निदान हेतु कार्य करता आ रहा है।
डा.पटनायक ने संस्थान की अनेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्थान स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान दे रहा है। विगत वर्ष संस्थान को स्वच्छता पुरस्कार से नवाजा गया है।
निर्मल उप्रेती