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उत्तराखंड आपदा: लंबे इंतजार के बाद भी घर नहीं लौटे 29 लोग, अब प्रशासन ने माना-नहीं रहे 

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उत्तराखंड के चमोली आपदा में लापता हुए लखीमपुर खीरी के 29 मजदूरों को प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया है। डीएम ने अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को भेज दी है। अब मजदूरों के परिवारों को आर्थिक मदद मिल सकेगी।

उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी को बादल फटने के बाद आई आपदा में लखीमपुर खीरी के निघासन इलाके के 33 मजदूर लापता हो गए थे। इनमें से चार के शव मिल गए थे। 29 अब तक लापता थे। लंबे इंतजार के बाद प्रशासन ने सबको मृत घोषित कर दिया है।

डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने 23 अप्रैल को लापता मजदूरों के संबंध में आपत्ति मांगी थी। महीने पर बाद भी कोई आपत्ति नहीं आई तो प्रशासन ने मजदूरों को मृत घोषित कर दिया।

इन मजदूरों को मृत घोषित किया प्रशासन ने
निघासन तहसील क्षेत्र के गांव इच्छानगर निवासी उमेश शाह, मुकेश कुमार, प्रमोद, राजू गुप्ता, श्रीकृष्ण, जगदीश, इरफान खां, रामविलास, राशिद खां, इरसाद खां, रामतीरथ, इस्लाम हुसैन, शेरबहादुर, मिर्जागंज निवासी भलभल खां, भैरमपुर निवासी विनोद कुमार, पैकरमा गिरि, संतोष पाल, जितेंद्र यादव, अर्जुन लाल, मनोज कुमार पाल, सतेंद्र कुमार, रंजीत गिरि, सुथना बरसोला निवासी रामू, गौरीशंकर, बाबूपुरवा निवासी अर्जुन और हीरालाल, कड़िया निवासी अरुण कुमार, भूलनपुर निवासी धर्मेंद्र वर्मा, नगर पंचायत सिंगाही के वार्ड नंबर छह निवासी जावेद खां।

शासन से आर्थिक सहायता मिलने में होगी आसानी 
शव न मिलने और मृत घोषित न हो पाने के कारण परिवार के लोगों को आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही थी। मगर अब आर्थिक मदद मिलने में आसानी होगी। हादसों में अपनों को खोने वालों के आंसू अब भी नहीं थम रहे। अपनों के अंतिम दर्शन करने की उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाएगी।

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