सर्वाइकल कैंसर या बच्चेदानी के मुँह का कैंसर महिलाओं में होने वाला एक ऐसी बीमारी है। जिसका समय रहते उपचार न कराया जाए तो घातक सिद्ध हो सकता है। हालांकि अब कैंसर घातक बीमारी तो है लेकिन इसका उपचार मौजूद है। दरअसल बच्चेदानी के मुंह का कैंसर महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा स्थान है जहां कैंसर होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
हालांकि इसे रोका जा सकता है और यदि जल्द पता चले तो इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के लक्षण
- बच्चेदानी से गंदे पानी का रिसाव
- महावारी यानी पीरियड्स का अनियमित होना
- संभोग के दौरान खून आना
- कमर और पैर में अत्यधिक दर्द
- पेशाब में रुकावट
बच्चेदानी के मुंह के कैंसर होने का क्या कारण है
- अधिक बच्चे होना
- कई पुरुषों से यौन संबंध
- गुप्तांगों की सफाई में कमी
- एड्स
रोग से बचाव के उपाय
बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के बचाव के लिए 92 प्रतिशत महिलाओं पर कारगर सिद्ध हुई वैक्सीन है। हालांकि इस व्यक्ति को लगवाने से पहले महिलाओं को किसी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक यह वैक्सीन 9 से 25 साल की उम्र में लगाई जा सकती है। बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के रोकथाम के लिए फिलहाल दो प्रकार की वैक्सीन उपलब्ध है। जिसे 3 बार लगाना पड़ता है। वैक्सीन लगाने के बाद कुछ औरतों में इंजेक्शन लगने वाली जगह पर कुछ दिनों के लिए सूजन रहती है और बुखार आ सकता है इसके अलावा इस वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। लेकिन गर्भधारण करने के बाद वैक्सीन नहीं लगानी चाहिए।