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UP में महिला एवं बाल अपराध से जुड़े मामलों में सात दोषियों को फांसी

UP में महिला एवं बाल अपराध से जुड़े मामलों में सात को फांसी

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशानुसार चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में संलिप्‍त अपराधियों को सख्‍त सजा दिलाई गई है।

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मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में संलिप्‍त अपराधियों को प्रभावी अभियोजन के माध्यम से अधिकतम सजा दिलाने का विशेष प्रयास किया गया। इसमें हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई में विभिन्न अभियोगों में सात अपराधियों को फांसी की सजा से दिलाई जा चुकी है।

जघन्‍य अपराध पर मिलेगी मौत की सजा

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से अभियोजकों के कामों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस समीक्षा की गई। इस दौरान निर्देश दिए गए कि दुष्‍कर्म सहित हत्या के मामलों में अभियोजन विभाग मौत की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करे, जिससे अपराधियों के बीच यह संदेश पहुंचे कि अगर उन्‍होंने कोई जघन्य अपराध किया तो उन्हें मृत्‍युदंड ही मिलेगा।

सात अपराधियों को दिलाई फांसी की सजा

अपर मुख्‍य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के दौरान 17 अक्टूबर, 2020 से तीन मार्च, 2021 तक प्रदेश में सात अपराधियों को फांसी की सजा, महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को आजीवन कारावास, 394 अपराधियों को 10 साल की जेल, और 1,108 अपराधियों को 10 साल से कम जेल की सजा कराई गई। साथ ही शोहदे और गुंडे किस्म के 1,503 अपराधियों को जिला बदर भी कराया गया। अभियान के दौरान अब तक करीब 10,000 अपराधियों की जमानतें भी खारिज कराई जा चुकी हैं।

अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पांडेय ने जानकारी दी कि अभियान के दौरान विभिन्न संवेदनशील प्रकरणों में और ऐसे मामलों में जिन्होंने समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था, उनमें अभियोजन द्वारा सजा कराई गई। उन्‍होंने उदाहरण के रूप में अलीगढ़ के थाना इगलास के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें एक बच्ची को अगवा किया गया था और मामला 11 साल से लंबित था, उसमें अभियोजन द्वारा मिशन शक्ति के अन्तर्गत तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा से दंडित कराया गया।

मिर्जापुर के पीड़ित परिवार की सहायता    

अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के दौरान हत्या सहित दुष्कर्म के मामलों में अभियोजन ने बेहतरीन काम करते हुए दोषियों को आजीवन कारावास से दंडित कराया। उन्‍होंने मिर्जापुर के मड़िहान थाने के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें एक छह वर्षीय मूकबधिर बच्‍ची के साथ दुष्कर्म किया गया। इस मामले में अभियोजन ने महज 23 दिनों की सुनवाई में ही दोषी को आजीवन कारावास की सजा दिलाई और पीड़ित परिवार को तत्काल ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता की।

अपराधियों को सजा दिलाने में बलिया अव्‍वल

समी‍क्षा बैठक में बताया गया कि महिला एवं बाल अपराध के दोषियों को आजीवन कारावास कराने में बलिया अव्वल रहा, जहां 32 अपराधियों को सजा कराई गई। वहीं, 22 दोषियों को सजा दिलाकर आगरा दूसरे स्थान पर और 21 अपराधियों को आजीवन कारावास कराते हुए फतेहपुर ने तीसरा स्‍थान हासिल किया। समीक्षा बैठक के दौरान अभियोजकों को निर्देश दिया गया कि वे महिला के मान-सम्मान के लिए अपना संघर्ष जारी रखें, जिससे उत्तर प्रदेश अभियोजन भारत के नंबर वन अभियोजन की रैंक पर बरकरार रहे।

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