आपने कई सारी ऐसी फिल्में और नाटक देखे होंगे जिनमें अंधरी रात में चांद को देखकर भेड़िए अजीब आवाजा निकालते हैं। ऐसा आपने हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक की फिल्मों में देखा है। और खासकर हॉरर फिल्मों में लेकिन क्या आपने कभी सोचा है भेड़िए ऐसा क्यों करते हैं? इसके पीछे का असल कारण क्या है? आज हम आपको इन्हीं कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका खुलासा खुद वैज्ञानिकों ने किया है।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, सुपर मून या फुल मून पर चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले धरती के सबसे करीब यानी 3,63,000 किमी की दूरी पर होता है। जब चंद्रमा पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी पर होता है तब वह 4,05,000 किमी की दूरी पर होता है। चंद्रमा पर लगने वाली इस पूरी प्रक्रिया को नासा ने मोस्ट डैजलिंग शो यानी सबसे चमकदार शो कहा है।
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ नोआह पेट्रो के मुताबिक सुपर मून पर चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकदार होता है। इस दौरान चांद का रंग लाल तांबे जैसा नजर आता है, इसलिए इसे ब्लड मून कहा जाता है।
इसीलिए वैज्ञानिकों के बीच ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िये आसमान में लाल चांद को देखकर जोर-जोर से आवाज लगाते हैं यानी कि चिल्लाते हैं।
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इसलिए इसे वुल्फ मून भी कहा जाता है। इस बात को खुद वैज्ञानिक भी मानते हैं। इसलिए अगर आपको कभी रात में भेड़िए की आवाज सुनाई दे तो डरे न बल्कि चांद की खूबसूरती को निहारे। क्योंकि भेड़िए चांद के बड़े आकार को देखकर इस तरह की आवाज निकालते हैं।